DDU जंक्शन पर एक महिला समेत 3 बाल तस्कर अरेस्ट, 8 बच्चे भी बरामद
यूपी-बिहार के बच्चों से बालश्रम
2 लड़कियों को तमिलनाडु लेकर जा रही थी महिला
किशनगंज के 5 बच्चे जा रहे थे बनारस
उत्तर प्रदेश और बिहार से बाल श्रमिकों की तस्करी का सिलसिला जारी है। इसका खुलासा पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर सोमवार को तब हुआ, जब रेलवे सुरक्षा बल और बचपन बचाओ आंदोलन के लोगों ने मिलकर 8 नाबालिगों को तस्करों के कब्जे से मुक्त कराया।
बताया जा रहा है कि ये तस्कर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को घरों से मासूम बच्चों को लेकर वाराणसी और तमिलनाडु की ओर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। बरामद करने के बाद सभी किशोरों की काउंसलिंग करायी जा रही है। उसके बाद सभी को उनके परिवार वालों को सौंपने की तैयारी की गई है।
जानकारी के अनुसार, बचपन बचाओ आंदोलन के लोगों ने रेलवे सुरक्षा बल की टीम को इस बात की जानकारी दी कि मीटिंग हॉल में दो लड़कियां डरी सहमी बैठी हुई हैं, जब इन से बातचीत की गई तो वह अपने आप को गाजीपुर का रहने वाली बताया। वह एक महिला के साथ तमिलनाडु में धागा बनाने वाली फैक्ट्री में काम करने के लिए जा रहीं थीं। काफी खोजबीन करने के बाद लड़कियों को लेकर तमिलनाडु जा रही महिला अनीता राजभर को भी पुलिस ने पकड़ लिया। यह महिला गाजीपुर जिले की कासिमाबाद की रहने वाली बताई जा रही है।
इसी दौरान सुबह 10 बजे प्लेटफार्म संख्या 3 और 4 के पश्चिमी छोर पर नाबालिग लड़कों को दो तस्करों को मुक्त कराया गया है। जो एक सीमेंट की ईंट बनाने वाली कंपनी में काम करने के लिए वाराणसी ले जाए जा रहे थे। इस दौरान मौके पर पांच नाबालिगों को बुलाया गया और उनसे ले जाने वाले मोहम्मद जमील और मोहम्मद सत्तार को पुलिस ने दबोच लिया। ये दोनों प्रकार किशनगंज से इन बच्चों को बनारस लेकर जा रहे थे।
बताया जा रहा है कि इन सभी को बरामद किए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और बाद में बचपन बचाओ आंदोलन के कोऑर्डिनेटर देशराज की तहरीर पर जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी।
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