चंदौली पुलिस ने आकाश सिंह को दबोचा, कोर्ट में सरेंडर की कर रहा था तैयारी
हाईकोर्ट के जज के नाम से करता था इमेल
पिता पर भी दर्ज हैं कई मामले
जिले का हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है आकाश सिंह
चंदौली जिले की सदर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को शातिर हिस्ट्रीशीटर आकाश सिंह को दबोच लिया। आकाश के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा आकाश के ऊपर एक चिकित्सक के अपहरण का भी मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा आकाश हाईकोर्ट के जज के नाम से फर्जी ईमेल बनाकर लोगों का झांसा देने का काम भी करता था।
सदर कोतवाली प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि बलुआ क्षेत्र का हुदहुदीपुर का रहने वाला आकाश सिंह शातिर अपराधी है। उसने गांव की ही महिला को विवाद के दौरान गोली मारी थी। बताया कि बाद में आकाश सिंह ने अपने पट्टीदारों को परेशान करने के लिए हाईकोर्ट के जज मनोज मिश्रा और महेश त्रिपाठी के नाम से फर्जी जी - मेल एकाउंट बनाया और अपने बड़े पिता के ईंट-भट्ठे की शिकायत कर दी।
आरोपी ने एक बार न्यायाधीश महेश त्रिपाठी के नाम से चंदौली डीएम और एसपी को मेल भेजा कि मेरी गाड़ी को इनोवा कार सवारों ने ओवरटेक किया और गाली गलौज की। उसने इनोवा कार का नंबर भी भेज दिया। इनोवा कार आकाश के चचेरे भाई की थी। हाईकोर्ट के जज से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस महकमे में खलबली मच गई। पुलिस ने कार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि जी-मेल एकाउंट फर्जी है।
इसके बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में जुट गई। सर्विलांस और अन्य माध्यमों से पता चला कि मेल गाजीपुर जेल से किया गया था। पुलिस ने कड़ी से कड़ी को जोड़ा और शातिर आकाश तक पहुंच गई। आकाश ने पूछताछ में बताया कि वह चाहता था कि पट्टीदारों का ईंट भट्ठा सीज़ हो जाए। भट्ठे में उसकी भी हिस्सेदारी है, लेकिन बड़े पिता उसे उसका हिस्सा नहीं देते हैं। आकाश के पिता रामविलास के खिलाफ भी एक दर्जन से अधिक गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। आकाश अप्रैल माह में जेल से छूटा और दोबारा अपराध में सक्रिय हो गया। पुलिस ने उसे पकड़कर दोबारा जेल भेज दिया।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*