न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं मिला हक, 4 कर्मी अब भी भुगत रहे विभागीय अनदेखी

मानदेय के लिए वर्षों से भटक रहे स्वास्थ्यकर्मी
कोर्ट आदेश के बावजूद चार कर्मियों को अब तक नहीं मिला भुगतान
जानिए क्या है धानापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा पूरा मामला
चंदौली जिले के धानापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वर्ष 2014 से 2018 तक कार्यरत रहे मल्टीपर्पज वर्करों (एमपीडब्ल्यू) को आज तक उनके सेवाकाल का मानदेय नहीं मिल पाया है। विभागीय उपेक्षा के चलते चार कर्मी बीते कई वर्षों से जिला मुख्यालय से लेकर कोर्ट तक न्याय की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें अब तक निराशा ही हाथ लगी है।

पीड़ित कर्मियों – पवन कुमार सिंह, ऋषिकेश राव, धर्मजीत चौधरी और सुनील गुप्ता – का कहना है कि उन्होंने मानदेय की मांग को लेकर न्यायालय की शरण ली थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को सभी छह एमपीडब्ल्यू कर्मियों का मानदेय भुगतान करने का स्पष्ट आदेश दिया था।
https://youtube.com/shorts/-S_tHwUlvtA

आदेश के बाद केवल दो को ही मिला भुगतान, शेष चार आज भी वंचित
हालांकि विभाग ने केवल दो कर्मियों – यतीन्द्र पांडेय और उपेंद्र यादव – को ही भुगतान किया, जबकि बाकी चार कर्मियों को अब भी इससे वंचित रखा गया है। इससे इन कर्मियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने इसे न्यायालय की अवमानना और प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण बताया है।
मुख्य याची पवन कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं हाईकोर्ट में वर्ष 2014 से 2018 तक की सभी छह कर्मियों की उपस्थिति रिपोर्ट संलग्न की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने आदेश पारित किया। लेकिन अब विभाग उसी रिपोर्ट में संशोधन कर नई रिपोर्ट तैयार कर रहा है, ताकि बकाया मानदेय का भुगतान न करना पड़े।
कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके कर्मी
पीड़ित कर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें लगातार सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। वे बार-बार सीएमओ कार्यालय और जिला मुख्यालय का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। उनका कहना है कि जब सभी छह लोगों ने एक साथ कार्य किया और एक ही आदेश के तहत कोर्ट से राहत मिली, तो फिर चार कर्मियों को अब तक भुगतान क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत इन चार कर्मियों पर लागू नहीं होता? यह न केवल प्रशासनिक भेदभाव है, बल्कि कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी है।
जिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार
इन कर्मियों ने अब जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है और मामले का त्वरित संज्ञान लेकर बकाया मानदेय का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की है। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे प्रशासनिक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
इस मामले ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन कब तक इन चार कर्मियों की वर्षों पुरानी मेहनत का हक उन्हें दिला पाता है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*