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नकदी और जेवरात के शक में पकड़ा गया लकड़ी तस्कर, लाखों की सुगंधित लकड़ी बरामद

जंक्शन पर तस्करी कर ले जाए जा रहे बरामद लकड़ी नकदी और जेवरातों की तस्करी के चक्कर में पकड़ी गई है। जीआरपी कर्मी बड़ी सी ट्रॉली बैग लिए संदिग्ध हाल में युवक को देख कर नकदी अथवा सोना चांदी के जेवरात की तस्करी के शक में उसे पकड़ लिया।
 

असम से अंबेडकर नगर ले जा रहा था लकड़ी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर दबोचा

बरामद लकड़ी की कीमत 12.75 लाख रुपये 

चंदौली जिले की राजकीय रेलवे पुलिस ने मंगलवार की शाम को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर चेकिंग के दौरान असम से तस्करी कर ले जा रहे साढ़े आठ किलो अगर (ऊद ) की लकड़ी के साथ युवक को पकड़ा कर वन विभाग के हवाले कर दिया है। इस दौरान बरामद लकड़ी की कीमत 12.75 लाख रुपये बतायी जा रही है। तस्कर लकड़ी की खेप लेकर वह नार्थ ईस्ट से अंबेडकर नगर ले जा रहा था। लिखा पढ़ी के बाद बरामद लकड़ी और तस्कर को जीआरपी ने वन विभाग के हवाले कर दिया।

आपको बता दें कि जंक्शन पर तस्करी कर ले जाए जा रहे बरामद लकड़ी नकदी और जेवरातों की तस्करी के चक्कर में पकड़ी गई है। जीआरपी कर्मी बड़ी सी ट्रॉली बैग लिए संदिग्ध हाल में युवक को देख कर नकदी अथवा सोना चांदी के जेवरात की तस्करी के शक में उसे पकड़ लिया। यही नहीं बैग में लकड़ी मिलने पर काफी देर तक बरामद करने को लेकर गफलत की स्थिति बनी रही। बाद में पता चला कि बरामद लकड़ी अत्यंत महंगी है। इसके बाद उसे पकड़ कर हिरासत में लिया गया। वन विभाग भी असम में उत्पादित होने वाली अगर की लकड़ी को लेकर गफलत में रहा। काफी जांच पड़ताल के बाद युवक और लकड़ी को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार की दोपहर बाद तीन बजे एसआई विद्या सागर की ओर उनकी टीम स्टेशन पर गश्त कर रही थी। इसी बीच प्लेटफार्म संख्या तीन और चार के फुटओवर ब्रिज के समीप एक ट्रॉली बैग लिए युवक संदिग्ध हाल में दिखा। उसे पकड़ कर ट्रॉली बैग की तलाशी ली गई तो उसमें अगर (ऊद) की लकड़ी बरामद हुई। युवक लकड़ी के संबंध में कोई कागजात नहीं दिखा सका। पूछने पर उसने अपना नाम मोहम्मद जिकारिया निवासी संदहा मझगांवा अंबेडकर नगर बताया। उसने बताया कि वह असम से लकड़ी लेकर अंबेडकर नगर जा रहा है। तौल करने पर लकड़ी का वजन साढ़े आठ किलो मिला। निरीक्षक ने बताया कि ऊद (अगर) की लकड़ी अत्यंत सुगंधित और कीमती होती है। परफ्यूम बनाने और औषधि बनाने व पूजा पाठ में इसका उपयोग किया जाता है। बाजार में ऊद की लकड़ी की कीमत डेढ़ लाख रुपये प्रति किलो है। इस तरह बरामद लकड़ी की कीमत 12.75 लाख रुपये है।

उन्होंने बताया कि इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई। वन क्षेत्राधिकारी पीडीडीयू नगर जेपी राय के निर्देश पर कोतवाली आए वन रक्षक नागेन्द्र सिंह और सुभाष को बरामद लकड़ी और तस्करी के आरोपी युवक को सुपुर्द कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई वन विभाग की टीम करेगी।

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