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कोडीन कफ सिरप मामला : इनामी कृष्ण कुमार मिर्जापुर से अरेस्ट, कागजों पर फर्म बनाकर खपाता था नशीली दवाएं

मिर्जापुर पुलिस ने कोडीन कफ सिरप घोटाले के 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी कृष्ण कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने फर्जी फर्म के जरिए 15 करोड़ का अवैध टर्नओवर किया और साढ़े चार लाख नशीली सिरप खपा दीं।

 
 

25 हजार का इनामी तस्कर गिरफ्तार

फर्जी फर्म से 15 करोड़ का टर्नओवर

साढ़े चार लाख कोडीन सिरप बरामदगी मामला

जीएसटी और ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के चर्चित कोडीन युक्त कफ सिरप घोटाले में मिर्जापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जमालपुर थाना पुलिस ने शनिवार को मुखबिर की सूचना पर जिवनाथपुर पुल के नीचे से इस मामले के चौथे मुख्य आरोपी कृष्ण कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। मूल रूप से चंदौली जिले के मुगलसराय थाना क्षेत्र के गंजख्वाजा (जंसो की मड़ई) का रहने वाला कृष्ण कुमार लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इस मामले में पुलिस पहले ही तीन आरोपियों को जेल भेज चुकी है, जबकि कृष्ण कुमार पुलिस की पकड़ से दूर था।

फर्जी फर्म के जरिए करोड़ों का काला खेल
चुनार सीओ मंजरी रात्र ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी कृष्ण कुमार यादव ने जमालपुर के हरिहरपुर मठना में 'मेसर्स सिटी मेडिसेल्स' के नाम से एक फर्म रजिस्टर्ड कराई थी। जब ड्रग विभाग और पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की, तो वहां कोई भी फर्म या मेडिकल स्टोर संचालित नहीं पाया गया। आरोपी ने केवल कागजों पर इस फर्म को खड़ा किया था ताकि वह दिल्ली की बड़ी कंपनियों से कोडीन युक्त कफ सिरप मंगा सके। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि आरोपी के बैंक खातों से लगभग 15 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ है, जो पूरी तरह से अवैध दवा व्यापार से जुड़ा प्रतीत होता है।

साढ़े चार लाख सिरप का हिसाब गायब
जांच रिपोर्ट के अनुसार, 14 अप्रैल 2025 से 26 जून के बीच दिल्ली की पांच अलग-अलग फर्मों से कुल 10 बार में 4 लाख 50 हजार 850 कोडीन युक्त कफ सिरप की शीशियां मंगवाई गई थीं। कोडीन एक नशीला पदार्थ है जिसका उपयोग नशे के लिए बड़े पैमाने पर तस्करी में किया जाता है। आरोपी ने इन सिरप को कागजों पर तो सप्लाई दिखा दिया, लेकिन धरातल पर इनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। ड्रग निरीक्षक संतोष पटेल की तहरीर पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने जब बैंक ऑफ महाराष्ट्र (सिगरा) और ओवरसीज बैंक (मुगलसराय) के खातों को खंगाला, तो करोड़ों के अवैध लेनदेन की पुष्टि हुई।

जीएसटी और अन्य विभागों की संयुक्त जांच
जमालपुर थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। दिल्ली की जिन पांच कंपनियों—मेडरॉन हेल्थकेयर, श्रीजी एंटरप्राइजेज, एसबी ट्रेडर्स, गणेश फार्मा और श्रीशांति नाथ एंटरप्राइजेज—से माल मंगाया गया था, उनके बिलों और परिवहन में उपयोग किए गए वाहनों के नंबरों की ट्रेसबिलिटी जांची जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं को किन-किन क्षेत्रों में खपाया गया। इस संबंध में जीएसटी विभाग वाराणसी को भी विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है ताकि कर चोरी और फर्जी बिलिंग के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। आरोपी को न्यायालय में पेश कर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

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