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मुर्गे चोरी की कहानी में फोन का इस्तेमाल करके फंस गयी नीतू, ऐसे खुली मुर्गों को बेंचने की कहानी

उन्होंने कंपनी को चूना लगाने की एक कहानी रची और 800 मुर्गे चोरी कर बेचने का एक सुनियोजित प्लान बनाया, जिसमें पति अनिल सिंह और उनके करीबी आकाश यादव के साथ-साथ ड्राइवर नीरज यादव शामिल था।
 

नीतू सिंह है 800 मुर्गे गायब करने की मास्टर माइंड

फोन में पुलिस को मिली बातचीत की रिकॉर्डिंग

आकाश उर्फ बॉबी के पोल्ट्री फॉर्म से मिले मुर्गे

अनिल सिंह भी बीवी हरकत से फंसे मुश्किल में

 कहते हैं कि अपराध करने वाला कभी न कभी कोई ना कोई ऐसा सुराग जरूर छोड़ देता है, जिससे पुलिस उसके तक पहुंच जाती है। कुछ ऐसा ही काम नीतू सिंह ने मुर्गों के चोरी के मामले में किया था। जब उसने पूरे मामले की कहानी रची और कंपनी के मुर्गों के बेंचकर पैसे हड़पने की योजना बनायी तो वह भूल गयी कि उसके फोन में सारे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग हो रही है। वह बातचीत अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करते गई। मोबाइल फोन में बातचीत का बुरा रिकॉर्ड रखना उसके लिए नुकसानदायक साबित हुआ और पुलिस इस से इस पूरे मामले का खुलासा उसी फोन के चलते कर पायी।

 इस मामले में बताया जा रहा है कि नीतू सिंह ने लीज पर एक पोल्ट्री फार्म लेकर  Omnivor Biovet Industries LLP नाम की एक कंपनी  से ₹8 प्रति किलोग्राम के दर से से मुर्गा पालने का काम करते थे। उससे उनको पैसे की कमाई हो रही थी। लेकिन उनका कहना है कि कंपनी के द्वारा पूरा पैसा समय पर नहीं दिया जाता था। इसी वजह से उन्होंने कंपनी को चूना लगाने की एक कहानी रची और 800 मुर्गे चोरी कर बेचने का एक सुनियोजित प्लान बनाया, जिसमें पति अनिल सिंह और उनके करीबी आकाश यादव के साथ-साथ ड्राइवर नीरज यादव शामिल था।

Murga Chori FIR

 इन सभी लोगों ने मिलकर 18 सितंबर की रात में मुर्गा चोरी होने की कहानी रची, जबकि सच्चाई यह थी कि इन सभी लोगों ने मिलकर अपने पोल्ट्री फार्म से मुर्गे को आकाश यादव के मुर्गी फार्म पर भेज दिया था और मनगढ़ंत कहानी तैयार करके 19 सितंबर को धानापुरा थाने में एक तहरीर देकर अपने  पोल्ट्री फार्म से बीती रात कुछ अज्ञात चोरों के द्वारा 800 मुर्गे चोरी करने की शिकायत दे दी, ताकि वे Omnivor Biovet Industries LLP को चूना लगा सकें और 800 मुर्गे को बेंचकर पैसे हड़प लें।

 पुलिस ने काफी छानबीन की लेकिन उसे रास्ते से मुर्गे चोरी के कोई सबूत नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने जब नीतू सिंह की पृष्ठभूमि पता कि तो पुलिस को उन पर शक हुआ और थाने बुलाकर उनके मोबाइल की जांच पड़ताल शुरू की और मोबाइल को जप्त कर लिया। नीतू सिंह के मोबाइल फोन के जब्त होते ही, उनके कान खड़े हो गए। वह पुलिस से मोबाइल फोन हासिल करने की कोशिश करने लगी। उसके लिए वह पुलिस वालों को पैसे देने की बात कहने लगी, जिससे पुलिस का शक और गहरा हो गया।

पति ने स्वीकारा अपराध
अनिल सिंह ने पुलिस को बताया कि मेरी पत्नी नीतू सिंह, ने बूढ़ेपुर के आकाश यादव व पिकअप ड्राईवर नीरज यादव के साथ एक सुनियोजित प्लान बनाया, जिसके तहत हम लोग अपने पोल्ट्री फार्म से लगभग 800 मुर्गों को चुराकर आकाश यादव के पोल्ट्री फार्म पर रख दिया । इसके बाद अज्ञात चोरों द्वारा चोरी करने का फर्जी मुकदमा लिखवा दिया। जिन मुर्गों को हम लोगों ने चुराया है, उन्हें छोटे दुकानदारों को बेच रहे हैं। इस मामले में अब केवल 184 मुर्गे आकाश यादव उर्फ बाबी के पोल्ट्री फार्म पर बचे थे, जो बरामद हो गए हैं।

बेटे के नाम फाइनेंस था फोन
 नीतू सिंह ने वह मोबाइल फोन एक दुकान से अपने बेटे उत्कर्ष के नाम फाइनेंस कराया था और यह फोन उनके बेटे उत्कर्ष के नाम पर था। इसका उपयोग वह अपने धंधे के काम में किया करती थी। पुलिस को इस मोबाइल फोन में उनके द्वारा की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली और इसी से पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया।  साथ ही Omnivor Biovet Industries LLP कंपनी की जीएम सरोज सिंह को तलब कर मुर्गों की पहचान कराई और फिर मौके पर मिले अनिल सिंह, नीरज यादव और आकाश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि साजिश की मास्टरमाइंड बीवी नीतू सिंह अभी फरार बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि धानापुर पुलिस नीतू सिंह की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम गठित की है और जल्दी उसकी गिरफ्तारी का दावा कर रही है।

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