मुटुन यादव की राजन सिंह के परिवार से है पुरानी दुश्मनी, इसी बाजार में हुयी थी 2019 में पहली हत्या

हत्या का बदला लेने के लिए हो सकती है हत्या
पुलिस कर रही है कई एंगल पर जांच
सीसीटीवी फुटेज से खोजे जा रहे हैं असलहाधारी बदमाश
चंदौली जनपद के धानापुर इलाके में हुई बस मालिक की हत्या को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि ठीक 6 साल पहले 2019 में मुटुन उर्फ राजकुमार यादव ने अपने ही गांव रायपुर के रहने वाले राजन सिंह की धानापुर कस्बे में गोली मारकर हत्या की थी। ऐसा लग रहा है कि इस हत्या का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई है। हालांकि पुलिस इस मामले की जांच के लिए और अपराधियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाकर गिरफ्तारी की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद ही हत्या का असली कारण पता चल पाएगा।

बताया जा रहा है कि 6 साल पहले हुई हत्या के मामले में सजा काटकर मुटुन यादव कुछ एक साल पहले लौटा था और वह अपने कामकाज में व्यस्त हो गया था। उसका आज भी इस इलाके में अच्छा भौकाल है, लेकिन कई घटनाओं में शामिल होने के कारण पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोल रखी है। अभी पिछले साल भी वह अपनी गाड़ी में अवैध असलहे के साथ अपने एक साथी के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद पुलिस में उसके खिलाफ कार्यवाही की थी और वह सजा काटकर जेल से बाहर आया था।

3 दशक से ग्राम प्रधानी पर था दबदबा
मुटुन सिंह यादव धानापुर ब्लॉक के रायपुर गांव में पिछले तीन दशक से ग्राम प्रधानी के चुनाव में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। वह अपने व्यवहार से अपने गांव में काफी लोकप्रिय है, लेकिन इस आपराधिक रिकार्ड की वजह से उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। इतना ही नहीं पुलिस ने उसके बेटे के खिलाफ भी हिस्ट्रीशीट खोल रखी है। वह जिले के टॉप टेन अपराधियों में गिना जाता है।
ऐसे हुयी थी राजन सिंह की हत्या
ऐसा कहा जा रहा है कि रायपुर निवासी मुटुन यादव ने अपने ही गांव के राजन सिंह की हत्या की थी। दोनों अपने गांव के मनबढ़ किस्म के व्यक्ति माने जाते थे और दोनों परिवार में आपसी तनातनी बनी रहती है। 2019 में धानापुर बस स्टैंड के पास ही किसी बात को लेकर राजन सिंह और मुटुन सिंह यादव के बीच कहा सुनी हो गई थी। इस दौरान राजन सिंह ने मुटुन सिंह यादव को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए थे। इसके बाद गुस्से से लाल होकर मुटुन यादव अपने घर गया और वहां से लाइसेंसी असलहा लेकर आया और राजन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान राजन सिंह के भाई गोपाल सिंह को भी गोली लगी थी और वे घायल हो गए थे।
अवैध असलहे के साथ हो चुका है अरेस्ट
घटना के बाद मुटुन यादव और उसके परिवार के लोग जेल गए, लेकिन जेल से छूटकर आने के बाद मिटुन यादव अपने कारोबार में लग गया और धनुषधारी के नाम से वह अपनी बसें चलाने लगा। राजन सिंह की हत्या के बाद वह अपनी सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर था। इसलिए वह असलहे को इकट्ठा करके अपने पास रखा था। उसके पास कई असलहे बताए जाते हैं।
पिछले साल जुलाई महीने में धानापुर सकलडीहा पुलिस की चेकिंग के दौरान धरहरा रानेपुर मार्ग पर पुलिस ने उसको एक साथी अरविंद यादव के साथ पकड़ा था और उसकी गाड़ी में दो अवैध असलहे और 8 कारतूस बरामद हुए थे। इसके बाद पुलिस ने उसकी गाड़ी को सीज करके दोनों को जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद मुटुन यादव पर चंदौली और धानापुर थाने में गैंगस्टर और आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था।
एसपी बोले-
इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें गठित कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि मृतक पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और पुलिस उसके कनेक्शन के साथ-साथ नए पहलुओं पर भी जांच कर रही है। पुलिस की टीम जल्द से जल्द घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों को पकड़ने में सफल हो जाएगी और घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
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