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मारपीट के मामले में रमेश व मंशा देवी को 7 साल की सजा और जुर्माना

हंगामें में चीख-पुकार सुनकर गांव के तमाम लोग जुट गए एवं बीच बचाव किया। इसके बाद  दर्ज मुकदमे में इलाज के दौरान वादी सूबेदार के भाई प्रदीप यादव की दिनांक 07 जुलाई 2020 को मृत्यु हो गयी थी।
 

धीना थाने के सिलौटा गांव का मामला

जमीनी विवाद में हुयी थी मारपीट

प्रदीप यादव की इलाज के दौरान हो गयी थी मौत

चंदौली जिले के धीना थान्तर्गत दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 42/2020 अन्तर्गत धारा 304, 323, 325, 504 भा. द. सं. के जमीनी विवाद हुई मारपीट एवं बाद में चोटहिल की मृत्यु हो जाने के मामले में अभियुक्त गण रमेश एवं मंशा देवी को सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने सुनाई 7 वर्ष के कठोर कारावास की  सजा।

 ज्ञात हो कि धीना थान्तर्गत सिलौटा ग्राम के सूबेदार द्वारा लिखित तहरीर इस आशय की प्रस्तुत की गई कि विपक्षी रमेश पुत्र स्व. बिरजू , मंशा देवी पत्नी रमेश व सोनी कुमारी पुत्री रमेश जो उसके पट्टीदार हैं, जमीनी विवाद को लेकर दिनांक 2 जुलाई 2020 को समय लगभग 10 बजे दिन में भद्दी भद्दी गाली देते हुए लाठी-डण्डे से मारने लगे। चीख पुकार सुनकर वादी के परिवार के पिंकी, प्रदीप व सर्वजीत मौके पर आकर बीच-बचाव करने लगे तो विपक्षीगण ने उन्हें भी लाठी- डण्डे से मारने लगे।
हंगामें में चीख-पुकार सुनकर गांव के तमाम लोग जुट गए एवं बीच बचाव किया। इसके बाद  दर्ज मुकदमे में इलाज के दौरान वादी सूबेदार के भाई प्रदीप यादव की दिनांक 07 जुलाई 2020 को मृत्यु हो गयी थी। जिसकी सूचना थाने पर दी गयी सूचना एवं मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 323, 504 आईपीसी दर्ज करके मुकदमे  में धारा 304, 325 आईपीसी  की बढ़ोत्तरी की गई।
     7 year jail
 न्यायालय द्वारा 304/34, 323/34, 325/34 आईपीसी  में आरोप पर सुनवायी हुयी। मुकदमे के  गवाहों के बयानों एवं सबूतों के आधार पर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने अभियुक्त गण रमेश एवं मंशा देवी में से प्रत्येक को धारा  304/34 भा. दं. सं. में 7 वर्ष की कठोर कारावास एवं 15 हजार के अर्थदंड तथा अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक को 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास, धारा 325/34 भा. दं. सं. में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनायी। अर्थदंड न अदा करने पर प्रत्येक को  3 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास, धारा 323/34 भा. दं. सं. में एक वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदंड तथा अर्थदंड न अदा करने पर प्रत्येक को  एक माह के अतिरिक्त कठोर कारावास एवं धारा 504 आईपीसी  में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000 रुपये का अर्थदंड तथा अर्थदंड न अदा करने पर प्रत्येक को एक माह के कठोर कारावास के दंड से दंडित किया। साथ ही यह भी निर्णय दिया कि सभी सजाएं साथ- साथ चलेंगी। अर्थदंड की सम्पूर्ण धनराशि मृतक की विधवा पत्नी पिंकी को देय होगा।
        
मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह ने बताया कि मामले में अभियोजन की तरफ से कुल 10 गवाहों ने बयान दिया तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गए। गुणवत्ता पूर्ण विवेचना एवं अभियोजन की प्रभावी पैरवी से अभियुक्तगण को सजा दिलाने में कामयाबी मिली। अभियोजन की तरफ से शशि शंकर सिंह एवं राजेन्द्र पाण्डेय ने पक्ष रखा।

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