चंदौली जिला मुख्यालय पर मुसंफ कटरा के पास शुक्रवार को ट्रेन की जद में आने से अधिवक्ता अशोक सिंह की मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद अधिवक्ताओं का हुजूम रेलवे ट्रैक पर उमड़ पड़ा। घटना से मर्माहत अधिवक्ताओं ने इस घटना के लिए स्थानीय प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इस मौके पर सिविल बार अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा कि यदि अगस्त माह में ओवरब्रिज पुल जनता को समर्पित हो जाता तो आज यह घटना नहीं होती। घटना को लेकर नगरवासियों के साथ-साथ अधिवक्ता समाज में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं घटना की जानकारी के बाद जिला जज विनय कुमार द्विवेदी भी मौके पर पहुंचे और घटना के बाबत अधिवक्ताओं से जानकारी ली और दुख व्यक्त किया।
बता दें कि घरचित गांव निवासी अशोक कुमार सिंह (59) पेशे से अधिवक्ता थे, जो चंदौली कोर्ट में अपनी वकालत करते थे। अशोक कुमार सिंह पूर्व में सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का भी दायित्व संभाल चुके थे। रोजाना की भांति शुक्रवार को वह अपने घर से बाइक से चंदौली आए और रेलवे ट्रैक के उत्तरी छोर स्थित बाबा हॉस्पिटल के समीप अपनी बाइक को खड़ा करने के बाद पैदल ही रेलवे ट्रैक पारकर कचहरी जा रहे थे, तभी बिहार की ओर जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की चपेट में आ गए‚ जिससे उनका मौके पर ही मौत हो गयी।
बताया जा रहा है कि घटना की सूचना के बाद सदर कचहरी में मौजूद अधिवक्ताओं का हुजूम रेलवे ट्रैक पर जमा हो गया। लोगों ने घटना के प्रति दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश जाताया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
इस बाबत सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा यह घटना जिला प्रशासन की शिथिलता व उदासी का नतीजा है, यदि जिलाधिकारी के प्रयास से पुल अगस्त माह में उद्घाटित हो जाता तो हम सभी को एक वरिष्ठ साथी आज नहीं खोना पड़ता। जबकि जिलाधिकारी प्रतिमाह समीक्षात्मक बैठक में पुल के उद्घाटन की नई-नई तारीखें तय करते रहते हैं। घटना में मृत अधिवक्ता के परिजन को बार की ओर से पीड़ित परिवार को तत्काल 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी, जबकि 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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