2 हजार के जॉली नोटों के तस्करी मामले में 10 साल की सजा, जानिए कहां मिले थे 5 लाख 20 हजार
जॉली नोटों के तस्करी से जुड़ा है पूरा मामला
अपर जनपद न्यायाधीश द्वितीय डॉ. जया पाठक ने सुनायी सजा
12 जनवरी 2019 को मुगलसराय में पकड़ा गया था बिहार का श्याम बाबू
चंदौली जिले में अपर जनपद न्यायाधीश द्वितीय डॉ. जया पाठक की अदालत ने जाली नोटों की तस्करी मामले में सुनवाई करते हुए शनिवार को अभियुक्त श्याम बाबू कुमार को 10 वर्ष का कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। मामले में अर्थदंड न देने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय और अपर शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी ने पक्ष रखते हुए आरोपी के लिए सजा की मांग की।
जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह ने बताया कि अभियुक्त पर जॉली नोटों की तस्करी करने का आरोप है। एटीएस लखनऊ को बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारतीय करेंसी के जॉली नोट पुणे और मुंबई भेजने की सूचना मिली थी। इसी दौरान 12 जनवरी 2019 को निरीक्षक शैलेश त्रिपाठी ने टीम के साथ मुगलसराय की रोजा कॉलेानी के पास से एक व्यक्ति को जॉली नोटों के साथ पकड़ा था और उसके पास से 5 लाख 20 हजार के 260 नकली नोट बरामद हुए थे।
पूछताछ में उसने अपना नाम बिहार के रहने वाले श्याम बाबू के रुप निवासी रामनगर पोस्ट सालिमपुर, जिला पटना (बिहार) बताया। तलाशी में उसके पास से दो-दो हजार के 260 नकली नोट बरामद हुए। इसका योग 5.20 लाख रुपये था। पूछताछ में श्याम बाबू ने बताया कि वह इसे लेकर पुणे जाने वाला था। अभियोजन की तरफ से न्यायालय में कुल 7 गवाह पेश कराए गए, जिससे अभियुक्त के विरुद्ध दोष साबित हुआ और अपर जनपद न्यायाधीश द्वितीय डॉ. जया पाठक की अदालत ने उसको सजा सुना दी।
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