अपने अपहरण की साजिश रचने वाला अभियुक्त के साथ दो गिरफ्तार,2 फरार
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चन्दौली जिले के कंदवा थाना क्षेत्र में स्वयं के अपहरण का झूठा षड्यंत्र रच कर मुकदमा पंजीकृत कराने के आरोप में 3 शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। क्षेत्राधिकारी सदर कुंवर प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि बीते 6 जुलाई को कंदवा थाने में अनीता गुप्ता पत्नी गोरखनाथ गुप्ता निवासी औरैया पट्टी थाना कंदवा ने अपने पति के गायब होने के प्रार्थना पत्र में उपेंद्र सिंह तथा उनके पुत्र विवेक सिंह निवासी इमिलिया थाना कंदवा पर शक जाहिर किया था।
उक्त संबंध में अभियोग पंजीकृत कर विवेचक द्वारा जांच की जा रही थी। जिसमें उपेंद्र सिंह तथा उनके पुत्र से पूछताछ की गई और अन्य माध्यमों से संकलित किए जा रहे साक्ष्यों में उनकी संलिप्तता का कोई ठोस आधार नहीं मिल रहा था।
पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल के निर्देश पर गायब व्यक्ति की सकुशल बरामदगी हेतु लगातार सर्विलांस के माध्यम से नजर रखी जा रही थी।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कंदवा पुलिस गायब व्यक्ति की बरामदगी के लिए प्रयासरत थी। आज मुखबिर खास द्वारा प्रभारी निरीक्षक कंदवा को फोन कर अवगत कराया गया कि कार से सैयदराजा की तरफ से गोरखनाथ गुप्ता कुछ लोगों के साथ अपने गांव अपनी पत्नी से मिलने जा रहा है। इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक कंदवा तेज बहादुर सिंह ने पुलिस टीम के साथ गांव बरहनी के पास कार को पकड़ कर उस पर सवार गोरखनाथ गुप्ता, राजेश दुबे व कार चला रहे। हाफिज को गिरफ्तार कर लिया।
प्रभारी निरीक्षक ने गोरखनाथ गुत्ता से जब उसके गायब होने की वजह पूछी गई तो उसने चौकाने वाली बात बताई और कहा कि धान के सीजन में मैंने उपेंद्र सिंह से धान क्रय किया था। जिसके कुछ पैसे मेरे द्वारा दे दिए गए थे और उसमें से 3 लाख 82 हजार बाकी था ।खेती-बाड़ी का सीजन आने पर उपेंद्र सिंह द्वारा बार-बार मुझसे बकाया रुपए की मांग की जा रही थी और रुपये देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। लगातार इनके द्वारा पैसों हेतु दबाव बनाने से मैं परेशान हो गया था और अपनी पत्नी को पैसे की व्यवस्था करने हेतु सैयदराजा की तरफ जाने की बात कह कर घर से चला गया। कुछ घंटों बाद मैंने अपनी पत्नी को फोन कर बताया कि 1 लाख 20 हजार रुपये की व्यवस्था मैंने कर लिया है लेकिन मेरे पीछे उपेंद्र सिंह और उनका लड़का चार पहिया गाड़ी लेकर पड़े हैं। मैं घर की तरफ आ रहा हूं ।इतना कहने के बाद मैंने फोन काट दिया और अपने गांव के बाहर हरिजन बस्ती से दूर अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर , गांव की तरफ से आ रहे अपने साथी की सफेद कार में बैठकर हम लोग बनाए गए अपने प्लान के तहत गायब होकर गाजीपुर चले गये। मैंने यह सब इसलिए किया कि मेरे गायब होने का सारा आरोप उपेंद्र सिंह और उनके लड़के पर लगेगा। मैं इनके द्वारा बार-बार पैसे मांगने और दबाव बनाने से बहुत परेशान हो गया था। जिससे इनको सबक सिखाने, जेल भेजने और पैसा भी न देने के लिए मैंने अपहरण का झूठा षड्यंत्र रचा।
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