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पशु तस्करी के मामले में लाल बहादुर व विनोद को सजा, भदोही जिले के रहने वाले हैं तस्कर

यह निर्णय ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता का प्रमाण है, जो न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

1995 में दर्ज हुआ था तस्करी का मुकदमा

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दी सजा और लगाया जुर्माना

ऑपरेशन कन्विक्शन का दिख रहा है असर

चंदौली जिले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत जनपद चंदौली में एक पुराने मामले में दो अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना, सटीक साक्ष्य संकलन और लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी के चलते यह सफलता हासिल हुई।

 मामला वर्ष 1995 का है, जब थाना मुगलसराय में अपराध संख्या 294/1995 के तहत धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम और धारा 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी लालबहादुर पुत्र गामा हरिजन और विनोद पुत्र लौटन हरिजन, निवासी ग्राम जोगापुर, थाना सुरियाँवा, जनपद भदोही के विरुद्ध कार्यवाही की गई थी।

 मामले की सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट, जनपद चंदौली ने दिनांक 05 जुलाई 2025 को दोनों अभियुक्तों को जेल में बिताई गई अवधि की सजा और 1000-1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि यदि अर्थदंड अदा नहीं किया गया, तो अभियुक्तों को तीन दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इस निर्णय में मानिटरिंग सेल प्रभारी उप निरीक्षक आकाश त्रिपाठी, अपर लोक अभियोजक  विपिन कुमार (एपीओ) और थाना मुगलसराय के पैरोकार हेड कांस्टेबल राजेश राय की भूमिका सराहनीय रही। उनकी प्रभावी पैरवी और साक्षियों के सशक्त साक्ष्य के आधार पर यह सजा संभव हो सकी।

यह निर्णय ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता का प्रमाण है, जो न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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