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वन अधिनियम के मामले में 24 साल बाद मिली विजयी हरिजन को सजा ​​​​​​​

इस सजा के साथ ही चंदौली पुलिस ने यह दिखाया है कि वह ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत लंबित मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है।
 

  ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत वन अपराधी को सजा

चकिया न्यायालय ने दोषी को जेल अवधि के साथ 3 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया

चंदौली जिले के चकिया पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश पर संचालित ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के अंतर्गत जनपद पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना, ठोस साक्ष्य संकलन एवं अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप पुराने वन अपराध मामले में अभियुक्त को सजा दिलाई गई है।

माननीय न्यायालय अपर सिविल जज (जू.डि.)/जेएम चकिया श्री यज्ञेश कुमार सोनकर ने थाना चकिया में दर्ज वर्ष 2001 के एक मुकदमे में आरोपी विजयी हरिजन पुत्र सद्री हरिजन निवासी शाहपुर, थाना चकिया, चंदौली को दोषसिद्ध पाते हुए जेल में बितायी गई अवधि के साथ 3000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में अभियुक्त को 5 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

2001 में दर्ज हुआ था मुकदमा

थाना चकिया में एफआईआर संख्या 105/2001 धारा 41, 42, 26, 52 भारतीय वन अधिनियम व 379, 411 भा.दं.वि. के अंतर्गत पंजीकृत मुकदमे में अभियुक्त पर वन संपत्ति की चोरी व अवैध कब्जा का आरोप था।

साक्ष्य और पैरवी रही निर्णायक

मामले की विवेचना में मानिटरिंग सेल प्रभारी उ0नि0 आकाश त्रिपाठी, अपर लोक अभियोजक श्री विपिन बिहारी सिंह और थाना चकिया के पैरोकार कांस्टेबल दुर्गेश यादव की प्रभावी भूमिका रही। इनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और प्रभावी पैरवी के चलते अभियुक्त को दोषसिद्ध करार देते हुए सजा सुनाई गई।

नीति के अनुरूप सजा दिलाने में सफल रही चंदौली पुलिस

इस सजा के साथ ही चंदौली पुलिस ने यह दिखाया है कि वह ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत लंबित मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है।

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