मिर्जापुर के मझुंई में दर्दनाक सड़क हादसा, नौगढ़ के विवेकानंद यादव ने ट्रामा सेंटर के गेट पर ली आखिरी सांस
समर्सिबल बनाकर लौट रहे विवेकानंद यादव की बाइक से आमने-सामने टक्कर में हो गई मौत
परिवार की खुशियों पर अचानक टूटा गमों का पहाड़
चंदौली जिले में चकरघट्टा थाना क्षेत्र के लालतापुर गांव निवासी विवेकानंद यादव, (26) जो सोनभद्र के मधुपुर में एक दुकान पर मिस्त्री का काम करता था, रविवार को उसकी जिंदगी एक आम दिन की तरह शुरू हुई, लेकिन एक भयावह हादसे में उसके जीवन का अंत हो गया।
आपको बता दें कि एक गांव में विवेकानंद खराब समर्सिबल की मरम्मत के लिए गया हुआ था। सायं काल 7 बजे जब वह अपनी बाइक से वापस लौट रहा था, तो मिर्जापुर के मझुंई मोड़ के पास एक दूसरी बाइक से उसका आमने-सामने टकराव हो गया। इस भयानक दुर्घटना ने उसकी जिंदगी को खत्म कर दिया। टक्कर इतनी भयानक थी कि विवेकानंद सड़क पर गिर पड़ा और उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। घटना के तुरंत बाद, आसपास के लोग उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मधुपुर लेकर गए, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल लोढ़ी रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में भी हालत में कोई सुधार नहीं होने पर, उन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर, वाराणसी के लिए रेफर किया गया। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। ट्रामा सेंटर के गेट पर पहुंचते ही विवेकानंद ने अपनी आखिरी सांस ली।
देर रात विवेकानंद का शव लालतापुर गांव पहुंचा, तो परिवार पर मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे का शव देखते ही माता मालती और पिता महेंद्र यादव फूट-फूटकर रोने लगे, उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पत्नी गीता मौत की खबर सुनते ही बेसुध होकर गिर पड़ी और उनके चीख-पुकार से पूरा गांव गूंज उठा। आसपास के लोगों ने जब यह दुखद समाचार सुना, तो वह भी स्तब्ध रह गए और भारी मन से परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। विवेकानंद की अचानक हुई इस मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, और हर कोई त्रासदी को लेकर गहरे सदमे में है।
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