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आज है भाई बहनों का पावन पर्व रक्षा बंधन, जानें राखी बांधने से जुड़ी कुछ खास बातें

रक्षाबंधन का पर्व जोकि भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है कल मनाया जा रहा है। इस बार भद्रा काल होने की वजह से राखी के शुभ मुहूर्त में थोड़ी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। राखी बांधने को लेकर बहुत से लोग परेशान है कि सावन में पूर्णिमा तिथि कब तक रहेगी
 

आज है भाई बहनों का रक्षा बंधन

राखी बांधने से जुड़ी कुछ खास बातें

रक्षाबंधन का पर्व जोकि भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है कल मनाया जा रहा है। इस बार भद्रा काल होने की वजह से राखी के शुभ मुहूर्त में थोड़ी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। राखी बांधने को लेकर बहुत से लोग परेशान है कि सावन में पूर्णिमा तिथि कब तक रहेगी। यदि पूर्णिमा में भद्रा लग गई है तो क्या इसमें राखी बांधना शुभ है या अशुभ यह प्रश्न सभी के मन में उठ रहा हो।

शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना अशुभ है। 11 अगस्त को प्रातः 10:38 मिनट से सावन पूर्णिमा लग जाएगी जो कि 12 अगस्त की प्रातः 07:5 मिनट तक रहेगी। सावन पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा लगेगी जो रात 8: 53 मिनट पर खत्म हो जाएगी। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, मंत्र  के बारे में। 

रक्षाबंधन पूर्णिमा तिथि 


पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 अगस्त, गुरुवार,  प्रातः 10: 38 मिनट से 
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 अगस्त, शुक्रवार। प्रातः 07:05 मिनट पर 

राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये चीजें 


बहन अपने भाई की खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए राखी बांधती है। ऐसे में राखी बांधते समय थाली में कुछ विशेष सामान अवश्य होना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है वो वस्तुएं-

राखी बांधते समय सबसे पहली चीज जो थाली में होनी चाहिए वो है अक्षत यानी चावल। हिन्दू मान्यता के अनुसार अक्षत पूर्णता का प्रतीक है और भाई की लंबी आयु के लिए तिलक करते समय अक्षत लगाया जाता है। 


थाली में दूसरी महत्वपूर्ण वस्तु दीपक होना चाहिए। मान्यता है कि दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। राखी बांधने के बाद भाई की आरती करने से उसके आसपास नकारात्मक ऊर्जा नहीं फटकेगी। 


तीसरी सबसे महत्वपूर्ण वस्तु जो राखी की थाली में होनी चाहिए वो है कुमकुम। कुमकुम या रोली माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। राखी बांधने के बाद भाई को कंकुम का टीका करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदा उन पर बनी रहेगी। 


चौथी महत्वपूर्ण चीज जो राखी की थाली में होनी चाहिए वो है चंदन। मान्यता है कि चंदन लगाने से भगवान विष्णु और श्री गणेश का आशीर्वाद मिलता है।  इसके अलावा भाई को  मानसिक शांति मिलती है। 


रक्षाबंधन पर जरूर करें इस मंत्र का जाप 

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।

अर्थ- इस मन्त्र का अर्थ है कि "जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बाँधता हूँ, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा"।


भाई की कलाई पर रक्षा धागा बांध जाए उसके बाद भी को वचन लेना चाहिए कि "मैं उस पवित्र धागे की बहन के दायित्व की कसम खाता हूं, मैं आपकी हर परेशानी और विपत्ति से हमेशा रक्षा करूंगा।

रक्षाबंधन पर शुभ योग


11 अगस्त, गुरुवार को बनने वाले योग: आयुष्मान, सौभाग्य और ध्वज योग 
11 अगस्त, गुरुवार को बनने वाले राजयोग: शंख, हंस और सत्कीर्ति राजयोग 


रक्षाबंधन 2022 प्रदोष मुहूर्त


प्रदोष मुहूर्त: 20:52:15 से 21:13:18


रक्षाबंधन पर भद्रा 


रक्षा बंधन भद्रा मुख: सुबह 06 बजकर 18 मिनट से 08:00 बजे तक
रक्षा बंधन भद्रा काल समाप्त: शाम 08 बजकर 51 मिनट पर

चौघडिया शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त 2022


शुभ प्रात:   06 -7.39
चर दिन:   10.53- 12.31
लाभ दिन:  12.31- 02.8
अमृत दिन:  02.08- 03.46
शुभ सायं:   05.23- 07.1
अमृत रात्रि:  07.00-08.23
चर रात्रि:   08.23-09.46
वृश्चिक लग्न दिन:01.33- 03.23

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