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आज अक्षय तृतीया और शुक्रवार का संयोग, पढ़िए मां लक्ष्मी की आरती

अक्षय तृतीया आज यानी 10 मई को मनाई जा रही है । इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। इस बार अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग, सुकर्मा योग और रवि योग बन रहा है।
 

अक्षय तृतीया पर बन रहे कई योग

गजकेसरी राजयोग, सुकर्मा योग और रवि योग का होगा लाभ

 आज के दिन जरूर करें मां लक्ष्मी की आरती

अक्षय तृतीया आज यानी 10 मई को मनाई जा रही है । इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। इस बार अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग, सुकर्मा योग और रवि योग बन रहा है। ऐसे में ये तिथि सभी के लिए लाभदायक रहने वाली है। खास बात ये है कि इस बार अक्षय तृतीया शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। इसलिए यह तिथि और भी फलदायी मानी जा रही है। दरअसल, शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन मां देवी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही पसंदीदा भोग से उन्हें प्रसन्न किया जाता है।


अक्षय तृतीया पर सोना चांदी खरीदना बेहद शुभ होता है। इनकी खरीदारी से आपके धन में वृद्धि होती है। इस दौरान लक्ष्मी जी के साथ गणेश भगवान और कुबेर महाराज की पूजा भी की जाती है। यदि इस दिन पूजा में इन मंत्रों का जाप कर लिया जाए, तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए इन मंत्रों के बारे में जान लेते हैं।


मां लक्ष्मी की आरती 


ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

                                                                                                                       
 

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