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अक्षय तृतीया को गज केसरी योग, सत्तू खाने का होता है खास महत्व

इस दिन समुद्र या गंगा स्नान करना चाहिए। प्रातः पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देनी चाहिए।
 

अक्षय तृतीया पर करते हैं सोने के गहने की खरीद

मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व

ब्राह्मणों को दान व भोजन कराने की है परंपरा

हमारे देश में अक्षय तृतीया का खास महत्व है। इस अक्षय तृतीया तो आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को ही अक्षय तृतीया के नाम से जानते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया 10 मई, 2024 को मनाई जाएगी। अक्षय शब्द का अर्थ है कभी कम न होना, इस प्रकार, यह माना जाता है कि इस त्योहार पर सोना खरीदने से अनंत धन की प्राप्ति होती है।
बताया जा रहा है कि अबकी बार अक्षय तृतीया पर चंद्रमा और गुरु के कारण गज केसरी योग बन रहा है। सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृष राशि में रहेंगे। इस दिन पूजा-अर्चना और अच्छे कार्यों का पुण्य कभी नष्ट नहीं होता।

पंडित राधेश्याम चौबे ने बताया कि अक्षय तृतीया को मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त का विचार नहीं करना पड़ता है। इस दिन सोने के गहने खरीदने और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
इस दिन समुद्र या गंगा स्नान करना चाहिए। प्रातः पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देनी चाहिए। आज के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए। इसका खास महत्व है।

पंडित राधेश्याम चौबे ने कहा कि तृतीया तिथि 10 मई को सुबह 4:17 बजे से शुरू होगी और 11 मई को सुबह 2:50 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा।

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