महादेव के इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन से मिलती है पापों से मुक्ति, वो भी सर्टिफिकेट के साथ
महादेव की पूजा के साथ ही भक्तजन इस महीने शिवजी के मंदिरों का दर्शन करके भी पुण्यलाभ कमाते हैं।
एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां जाकर दर्शन करने से आपको सिर्फ पापों से मुक्ति ही नहीं मिलती बल्कि पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट भी मिलता है।
सावन का पावन महीना चल रहा है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तजन इस पूरे माह भोलेनाथ को प्रसन्न करने में जुटे रहते हैं जिससे कि उनके कष्ट दूर हो और उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके। इसके लिए वे न सिर्फ पूजा-पाठ करते हैं बल्कि कई तरह के उपाय भी करते हैं।
महादेव की पूजा के साथ ही भक्तजन इस महीने शिवजी के मंदिरों का दर्शन करके भी पुण्यलाभ कमाते हैं। शिव-शंकर के कई चमत्कारी मंदिर है जिनमें से कई मंदिरों में भक्त भांग चढ़ाते हैं तो कहीं कुछ और। वहीं कुछ मंदिर पहाड़ों पर स्थित है तो कहीं शिवलिंग का आकार चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहीं एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां जाकर दर्शन करने से आपको सिर्फ पापों से मुक्ति ही नहीं मिलती बल्कि पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट भी मिलता है। यह जानकर आपको हैरानी तो हो रही होगी पर जी हां, यह मंदिर राजस्थान में स्थित है जहां आपको पाप मुक्ति का लिखित सर्टिफिकेट मिलता है।
पापमोचन तीर्थस्थल के नाम से है प्रसिद्ध
यह शिव मंदिर राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है। वैसे तो मंदिर का नाम गौतमेश्वर महादेव है पर यहां आकर भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है इसीलिए ये पाप मोचन तीर्थस्थल के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भक्तों को पापों से मुक्ति ही नहीं मिलती बल्कि उन्हें पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट भी मिलता है।
कुंड में डुबकी लगाते ही पाप मुक्त हो जाते हैं भक्तजन
गौतमेश्वर महादेव मंदिर में एक कुंड है जिसे मंदाकिनी कुंड के नाम से जाना जाता है। यही वह कुंड है जहां डुबकी लगाने मात्र से भक्तों के पाप दूर हो जाते हैं और फिर उन्हें पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट को पाने के लिए भक्तों को 11 रुपये देने होते हैं जिसमें से एक रुपया सर्टिफिकेट का होता है और बाकी 10 रुपये दोष निवारण के लिए जाते हैं।
पाप मुक्त भक्तों का रखा जाता है रिकॉर्ड
इस मंदिर में पाप मुक्त भक्तों को सर्टिफिकेट देने के साथ ही उनका रिकॉर्ड भी रखा जाता है। कहते हैं कि यहां पर आजादी के बाद से अब तक जारी किए सर्टिफिकेट का रिकॉर्ड सुरक्षित है।
जीव हत्या जैसे पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पाप मुक्त होने और पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट पाने के लिए वे लोग आते हैं जिनसे जीव हत्या जैसा पाप हो जाता है या फिर उनके पाप कर्मों के चलते समाज से निकाल दिया जाता है। इस प्रकार के लोग मंदिर के कुंड में डुबकी लगाकर पुजारी से सर्टिफिकेट लेते हैं।
ये है मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं की मानें तो गौतम ऋषि पर एक बार गौहत्या का कलंक लग गया था। उस समय वे प्रतापगढ़ के इसी मंदिर में स्थित कुंड में स्नान करने आए थे और इसके बाद ही उन्हें गौहत्या के कलंक से मुक्ति मिली थी।
कहा जाता है कि इसके बाद से ही गौतमेश्वर मंदिर के इस कुंड में जो भी स्नान करता है, डुबकी लगाता है उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
आदिवासी इलाके में स्थित गौतमेश्वर मंदिर को इस इलाके में हरिद्वार की तरह पूजनीय माना जाता है। यह मंदिर सदियों पुराना है और जनजाति समुदाय के लिए प्रमुख आस्था का केंद्र है। सावन में इस मंदिर में शिवलिंग के पूजन का विशेष महत्व माना गया है।
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