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कैली गांव स्थित उद्धव ब्रह्म बाबा आश्रम में कई अद्भुत चीजें, इन अनोखी चीजों का करिए दर्शन

कहते हैं कि निस्वार्थ के प्रेम आगे विषैले जीव-जंतु और पशु-पक्षी तक अपना स्वभाव बदल देते हैं, जिनको देखकर आपको कभी डर लगता होगा, लेकिन यहां पर आने के बाद उन जानवरों से प्रेम करने लगेंगे।
 

कैली गांव स्थित उद्धव ब्रह्म बाबा आश्रम

यहां आपको देखने के लिए एक से एक अनोखी चीजें

निस्वार्थ के प्रेम का दिखेगा नमूना

विषैले जीव-जंतुओं और पशु-पक्षियों कैसे रहते हैं एक साथ 

 

कहते हैं कि निस्वार्थ के प्रेम आगे विषैले जीव-जंतु और पशु-पक्षी तक अपना स्वभाव बदल देते हैं, जिनको देखकर आपको कभी डर लगता होगा, लेकिन यहां पर आने के बाद उन जानवरों से प्रेम करने लगेंगे। चंदौली जिले का कैली गांव स्थित उद्धव ब्रह्म बाबा आश्रम इसका जीवंत उदाहरण है।


आपको बता दें कि साध्वी सविता वन देवी के आश्रम में सांप, बिच्छू, चूहा और मोर जैसे विरोधी स्वभाव के जीव एक साथ रहते हैं। यहां रोज होने वाली आरती में मोर भी शामिल होता है और सबके साथ जयकारे लगाता है। साध्वी का प्रकृति प्रेम देखकर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं।


साध्वी सविता वन देवी मूल रूप से बबुरी थाना क्षेत्र के करमा गांव की हैं। 16 वर्ष की अवस्था वह यहां आश्रम बनाकर रहने लगीं। प्रकृति से खास लगाव होने के कारण उन्होंने नेवला, बंदर, कुत्ता और सांप जैसे जीव जंतुओं को आश्रम में पाला। इसके बाद इन्होंने चकिया के भीखमपुर स्थित पहाड़ी पर और राजस्थान उदयपुर चित्तौड़ के जंगलों में तपस्या की। फिर कैली स्थित आश्रम में परमहंस रामलखन दास के सानिध्य में दीक्षा ली। 


गंगा किनारे स्थित करीब दो एकड़ के आश्रम में उन्होंने विभिन्न प्रजाति के फूलों और औषधीय पौधे लगाए हैं। इसके अलावा अंजीर, चीकू, चेरी, सेब, नाशपाती, हींग के साथ मसालों के पौधे लगाए। यही नहीं, आश्रम में नेवला, सांप, बिच्छू, कुत्ता, बुलबुल, कबूतर, गौरैया, तोता और मोर जैसे पशु-पक्षी उनके साथ रहते हैं। 


आश्रम में स्थित पीपल का वृक्ष पक्षियों का आशियाना बना हुआ है। पक्षियों के चहचहाने की आवाज शांति और ऊर्जा से भर देती है।

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