आज देश भर में मनायी जा रही है बसंत पंचमी, चल रहा है तीसरा अमृत स्नान

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाते हैं बसंत पंचमी का त्यौहार
मां सरस्वती के साथ-साथ कामदेव और रति की भी पूजा
ऐसे शुरू होती बसंत ऋतु
आज देश भर में बसंत पंचमी का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में तीसरा अमृत स्नान भी जारी है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की खास तौर पर पूजा होती है। इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने इस दिन मां सरस्वती को प्रकट किया था। मां सरस्वती कमल के फूल पर बैठी हुई दिखायी देती हैं। उनके चार हाथ होते हैं। एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में किताब, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ में वर मुद्रा होती है। ब्रह्मा जी ने ही इनका नामकरण सरस्वती के रूप में किया था।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का खास महत्व होता है। लोग इस दिन विद्या, कला, संगीत की देवी मां सरस्वती का दिन मानकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और मां को प्रसन्न करते हैं। कहा जाता है पूजा करते वक्त इस दिन मां को पीले रंग के फूल फल और मिठाइयां अर्पित करनी चाहिए। मां सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद है। साथ में पीले वस्त्र और पीली माला अर्पित करने का बहुत अच्छा माना जाता है।
हिंदू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:15 पर शुरू हो गई थी। साथी इसका समापन 3 फरवरी को प्रातः 6:53 पर हो रहा है।
बसंत पंचमी के दिन बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती के साथ-साथ कामदेव और रति की भी पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब कामदेव और रति जब स्वर्ग से पृथ्वी पर आते हैं तो बसंत ऋतु का शुभारंभ होता है। ऐसे में संसार में प्रेम की भावना बनी रहे। इसलिए कामदेव और रति की पूजा की जाती है।
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