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भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का नक्षत्रों से है खास संबंध, इन चीजों के दान से होगा लाभ

यही कारण है कि बारह महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं। इसी के साथ भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उत्तराभाद्रपद या पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर कर रहा होता है।
 

हर महीने की पूर्णिमा का खास महत्व

व्रत व त्यौहारों के हिसाब से होती है पूजा

आज के दिन इन चीजों का दान लाभकारी


 प्रत्येक महीने की पूर्णिमा तिथि के आधार पर ही चंद्र वर्ष के महीनों के नामों को रखा जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य और चंद्रमा के आधार पर ही महीनों के नाम रखे जाते हैं, जिन्हें सौर मास और चंद्र मास के नाम से पहचाना जाता है। कुछ व्रत व त्यौहार सौर मास के आधार पर मनाए जाते है, तो कुछ चंद्र मास के आधार पर धूम-धाम से मनाएं जाते हैं।

यही कारण है कि जब पूर्णिमा तिथि की बात आती हैं, तो उसे चंद्र वर्ष से जोड़ा जाता है। चंद्रमा के साथ नक्षत्रों का संबंध होता है। माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस भी नक्षत्र में होता है उसी नक्षत्र के नाम अनुसार उस माह का नाम रखा जाता है। यही कारण है कि बारह महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं। इसी के साथ भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उत्तराभाद्रपद या पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर कर रहा होता है।

Bhadrapada Purnima

जिन जातकों का जन्म उत्तराभाद्रपद या पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होता है, उन लोगों के लिए इस पूर्णिमा का दिन विशेष माना जाता है। साथ ही इन लोगों को पूर्णिमा के दिन अपने नक्षत्र की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश तथा अहिर्बुधन्य की पूजा करना जातक के लिए विशेष फलदायी माना जाता चाहिए। साथ ही दूध, दही, घी, शहद, फूल और मिठाई इत्यादि को भगवान की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए। इस तिथि पर पूजा के अलावा नवग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करना जातक के लिए लाभदायक होता है। आप गुड़, काले तिल, चावल, चीनी, नमक, जौं तथा कंबल इत्यादि को दान में दे सकते हैं।

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