परमात्मा के अलावा हमारा कोई सगा नहीं, सुंदरराजजी सुना रहे हैं कथा
महुआरी खास गांव में भक्तों की होती है भीड़
श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराते हैं सुन्दरराज स्वामी जी
महुआरी खास गांव में गंगा तट पर चल रहे श्रीमद भागवत कथा के अन्तिमवें दिन सन्त सुंदरराज स्वामी ने कहा कि सहस्रों पुराणों में श्रीमद भागवत पुराण सर्वोपरी है। जो कथा सुनने के बाद प्रभु की कृपा बनी रहती है। शरीर स्वस्थ्य और मन स्वस्थ्य होना चाहिए। यदि मन बीमार होगा तो कुछ भी काम करने में मन नहीं लगता है ।
व्यास जी महाराज भागवत लिखने के बाद सब लिखना बन्द कर दिये। क्योंकि भागवत में सारी बाते लिख दिया था। दुनिया के जितने भी विद्वान होंगे वे व्यास जी के नीचे ही होंगे। कथा सुनने के बाद हम बदल जायें। नहीं तो कथा सुनने का कोई मतलब नहीं है। कथा सावधान होकर ही सुनना चाहिये । परमात्मा के अलावा कोई हमारा नहीं है । ये संसार तो मिथ्या है । कथा सुनने के बाद प्रभु के सामने हांथ जोड़कर बोलना चाहिए हे प्रभु जो सुनने में छूट गया हो क्षमा करना।
कहा कि शास्त्र में वेद में जो जीते है उन्हें भगवान मिलते है । हम कथा सुन रहे है कि हमारा मिलन सम्बंध परमात्मा से हो जाये । हे संसार के प्राणियों कथा के बाद यज्ञ होता है । यज्ञ में भगवान को प्रणाम करते हुए परिक्रमा करना चाहिए । इसका लाभ मिलता है । अगर आप चिंता करते है तो चिंता भगवान की करिये । जो बेड़ा पार लगाते है । यज्ञ छोटा हो या बड़ा हो सहयोग करना चाहिए । कथा व यज्ञ का तातपर्य है कि नारायण की कृपा हो जाय । कोई भी सन्त आ जाये सबका आदर करे । कौन जानता है कि किस रूप में भगवान मिल जाये ।
इस दौरान आयोजक ग्राम प्रधान सतेन्द्र सिंह मिंटु,दीपक सिंह,सरिद्वार यादव,नरेंद्र गुप्ता,अभय सिंह,शिवानन्द पाण्डेय ,कृष्ण कुमार सिंह, महेंद्र यादव,रंगीले तिवारी ,गोपेश सिंह आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।
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