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बुढ़वा मंगल 2024 : शुभ योग से भरा है पहला बुढ़वा मंगल, जानिए रामायण काल की कथा, बुढ़वा मंगल पर जरूर करें ये एक उपाय ​​​​​​​

हिंदू धर्म में मंगलवार के दिन का विशेष महत्व है। यह दिन बजरंगबली की पूजा को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों के कष्टों का निवारण होता है। साथ ही बजरंगबली की विशेष कृपा भी बनी रहती हैं।
 

हिंदू धर्म में मंगलवार के दिन का विशेष महत्व है। यह दिन बजरंगबली की पूजा को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों के कष्टों का निवारण होता है। साथ ही बजरंगबली की विशेष कृपा भी बनी रहती हैं। वहीं ज्येठ माह में उनकी पूजा करना और भी शुभ होता है। यह माह हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। इस माह में आने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी भक्त बजरंगबली की पूजा-अर्चना करता है, वीर बजरंगी उनके संकट हर लेते हैं। माना जाता है कि भीम को अपनी शक्तियों पर अधिक घमंड हो गया था। इस घमंड को खत्म करने के लिए बजरंगबली ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण कर भीम को हराया था। तभी से इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा। इस बार बुढ़वा मंगल पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, ऐसे में यह तिथि सभी के लिए फलदायी रहेगी। इस योग में कार्य करने से भक्तों को मनोवांछित फलों को प्राप्ति होगी। इसी कड़ी में आइए पूजा मुहूर्त से लेकर इस दिन के महत्व के बारे में जान लेते हैं।


पहला बड़ा मंगल 2024 मुहूर्त


ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:03 - सुबह  04:44
अभिजित मुहूर्त  - सुबह 11:51 - दोपहर 12:46


कब कब पड़ेंगे बुढ़वा मंगल


हिंदू पंचांग के अनुसार  इस साल ज्येष्ठ माह में पहला बुढ़वा मंगल 28 मई को होगा। दूसरा मंगल 4 जून, तीसरा 11 जून और चौथा बड़ा मंगल 18 जून को पड़ेगा।


शुभ योग से भरा है पहला बुढ़वा मंगल


इस बार बुढ़वा मंगल की तिथि बेहद शुभ होने वाली है क्योंकि इस दौरान कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस बार पहला बुढ़वा मंगल 28 मई को है। इस दिन ब्रह्म योग बन रहा है, इसकी शुरुआत 28 मई 2024 की सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर होगी। इस शुभ योग का समापन अर्ध रात्रि 2 बजकर 5 मिनट पर होगा। माना जाता है कि इस योग किसी भी नए काम की शुरुआत करना शुभ होता है। ये योग व्यक्ति को सुख-संपत्ति, ज्ञान और लंबी आयु प्रदान करता है।


रामायण काल की कथा


पौराणिक कथाओं के अनुसार जब सीता माता को खोजते हुए जब हनुमानजी लंका पहुंचे, तो रावण ने बंदर कहकर उनको अपमानित किया। रावण के घमंड को तोड़ने के लिए उन्होंने वृद्ध वानर का रूप धारण किया। इस दौरान बजरंगबली ने विराट रूप धारण कर अपनी पूंछ से लंका को जलाकर लंकापति रावण का घमंड चकनाचूर कर दिया था।


बुढ़वा मंगलवार जरूर करें ये एक उपाय


बुढ़वा मंगल को प्रभु को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। लेकिन उन सभी से जरूरी है कि आप यह एक काम करें। बुढ़वा मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जी के मंदिर जाएं। फिर उनके दर्शन करते हुए प्रसाद चढ़ाएं। इस दौरान उन्हें एक बड़ के पेड़ का पत्ता भी अर्पित कर सकते हैं। इस पत्ते के सूख जाने के बाद आप उसे पवित्र नदी में बहा दें। माना जाता है कि ऐसा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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