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आज नहाय-खाय के साथ छठ पूजा के पर्व की होगी शुरुआत, बचाव के लिए उपाय जरूरी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show आस्था का महापर्व छठ पूजा की आज नहाय-खाय के साथ शुरुआत होगी। आज घरों की साफ-सफाई व सात्विक भोजन ही ग्रहण किया जाएगा। डाला छठ को लेकर बाजार में भी चहल-पहल बढ़ गई है। बाजार में छठ पूजा सामग्री की खरीदारी भी तेज हो गई है। गंगा घाट से लेकर सार्वजनिक तालाबों की भी सफाई
 
आज नहाय-खाय के साथ छठ पूजा के पर्व की होगी शुरुआत, बचाव के लिए उपाय जरूरी

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आस्था का महापर्व छठ पूजा की आज नहाय-खाय के साथ शुरुआत होगी। आज घरों की साफ-सफाई व सात्विक भोजन ही ग्रहण किया जाएगा। डाला छठ को लेकर बाजार में भी चहल-पहल बढ़ गई है। बाजार में छठ पूजा सामग्री की खरीदारी भी तेज हो गई है। गंगा घाट से लेकर सार्वजनिक तालाबों की भी सफाई युद्ध स्तर पर जारी है।

आज नहाय-खाय के साथ छठ पूजा के पर्व की होगी शुरुआत, बचाव के लिए उपाय जरूरी

 हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डाला छठ मनाया जाता है। इस बार षष्ठी तिथि 20 नवंबर शुक्रवार को पड़ रहा है। छठ पूजा बिहार व झारखंड के निवासियों का प्रमुख त्योहार है। हालांकि जिले में भी बड़ी संख्या में महिलाएं व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देती है। चार दिन तक चलने वाले छठ पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पूर्व चतुर्थी से हो गई है।

 आज चतुर्थी को नहाय-खाय है। नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई व पवित्र कर पूरे दिन सात्विक आहार लेंगे। इसके बाद पंचमी तिथि यानि गुरुवार को खरना शुरू होगा। व्रती महिलाओं को इस दिन में व्रत कर शाम को सात्विक आहार गुड़ की खीर अथवा कद्दू की खीर आदि लेना होता है। पंचमी को खरना के साथ लोहंडा भी होता है, जो सात्विक आहार से जुड़ा है। 

वहीं शुक्रवार को गंगा घाट व तालाबों पर अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं शनिवार की भोर में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी। षष्ठी को रखेंगी निर्जला व्रतछठ पूजा के दिन षष्ठी को महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी। व्रत खरना के दिन शाम से शुरू होता है। छठ यानी षष्ठी तिथि के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ देकर अगले दिन सप्तमी को सुबह उगते सूर्य का इंतजार करना होता है। सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही करीब 36 घंटे चलने वाला निर्जला व्रत समाप्त होगा। 

छठ पूजा का व्रत करने वालों का मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ छठी मइया की पूजा-उपासना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है। छठ पूजा की तिथियां-18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ)21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ)कोरोना महामारी से बचाव जरूरी इस साल व्रती महिलाओं व उनके परिजनों को कोरोना महामारी से बचाव का भी विशेष ध्यान रखना होगा। गंगा घाट से लेकर तालाबों के किनारे छठ पर अपार भीड़ उमड़ेगी। ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होना आसान नहीं होगा। खासकर सोशल डिस्टेंस का पालन मुश्किल हैं। ऐसे में मास्क व सेनेटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। साथ ही खुद अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखें।

 आडियो क्लीप से करेंगे जागरूक 

डीएम नवनीत सिंह चहल ने छठ महापर्व पर सुरक्षा के साथ ही कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस बल को गंगा घाट व तालाबों के किनारे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने का निर्देश दिया है। साथ ही लोगों से भी महामारी से बचाव के प्रति सतर्क व जागरूक रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि घाटों पर व्यवस्थापकों को कोरोना जागरुकता से जुड़ी आडियो क्लीप दी जाएगी। इसे बीच-बीच में लाउड स्पीकर से प्रसारित कर लोगों को जागरूक व अलर्ट किया जाएगा।

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