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शनिवार को भूल से भी न खरीदें ये चीजें वरना शनिदेव हो जाएंगे नाराज, घर में होगी दरिद्रता

शनिवार के दिन शनिदेव और हनुमानजी को पूजा जाता है। इस दिन जहां लोग शनि की टेढ़ी नजर से बचने के लिए उन्हें तेल चढ़ाते हैं 

 

वैसे तो हम लोग अपनी जरूरत के हिसाब से घर की विभिन्न चीजों की खरीदारी करते हैं पर ज्योतिष शास्त्र में इसके भी कुछ नियम बताए गए हैं। इसमें ऐसी कई चीजों के बारे में बताया गया है जिनको शनिवार के दिन नहीं खरीदना चाहिए। 

शनिवार के दिन शनिदेव और हनुमानजी को पूजा जाता है। इस दिन जहां लोग शनि की टेढ़ी नजर से बचने के लिए उन्हें तेल चढ़ाते हैं वहीं हनुमानजी की पूजा करके शनि की साढ़ेसाती से राहत पाने के उपाय भी करते हैं। जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैया चलता है वे लोग तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई खास उपाय भी करते हैं। जिन जातकों पर शनिदोष या शनि की साढ़ेसाती चलते रहती है वे इससे मुक्त होने के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रख सकते हैं। ऐसा करने से भी शनि प्रसन्न होते हैं। 

वैसे तो हम लोग अपनी जरूरत के हिसाब से घर की विभिन्न चीजों की खरीदारी करते हैं पर ज्योतिष शास्त्र में इसके भी कुछ नियम बताए गए हैं। इसमें ऐसी कई चीजों के बारे में बताया गया है जिनको शनिवार के दिन नहीं खरीदना चाहिए। माना जाता है कि इन चीजों को अगर शनिवार को खरीदा जाए तो शनिदेव हमसे नाराज हो जाते हैं और हमारे घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। 

तो आइये यहां जानते हैं कि शनिवार को क्या नहीं खरीदना चाहिए ....

-हमारे भारतीय समाज में ये परंपरा पुराने समय से चली आ रही है कि हम लोग शनिवार के दिन लोहे का सामान नहीं खरीदते क्योंकि ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं। जबकि इस दिन लोहे का दान शुभ माना जाता है। लोहे का दान करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं। 

-शनिवार को तेल भी नहीं खरीदा जाता बल्कि तेल या तो शनिदेव को चढ़ाते हैं या फिर इसका दान किया जाता है पर खरीदा नहीं जाता। कहते हैं कि काले कुत्ते को सरसों के तेल से बना हलुआ खिलाने से शनि की दशा टलती है। ज्योतिष के अनुसार, शनिवार को सरसों या किसी भी पदार्थ का तेल खरीदने से वह रोगकारी होता है।

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-हमारे भोजन का सबसे अहम हिस्सा है नमक पर कभी भी शनिवार को नमक खरीदने की गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि अगर इस दिन नमक खरीदा जाए तो घर कर्ज के बोझ तले दब जाता है। साथ ही घर के लोगों को रोग घेर लेते हैं। 

-कैंची ऐसी चीज है जो कपड़े, कागज आदि काटने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। पुराने समय से ही कपड़े के कारोबारी, टेलर आदि शनिवार को नई कैंची नहीं खरीदते। इस दिन खरीदी गई कैंची रिश्तों में तनाव लाती है। इसलिए अगर आपको कैंची खरीदनी है तो किसी अन्य दिन खरीदें।

-सर्दियों में काले तिल शरीर को पुष्ट करते हैं। ये शीत से मुकाबला करने के लिए शरीर की गर्मी को बरकरार रखते हैं। पूजन में भी इनका उपयोग किया जाता है। शनिदेव की दशा टालने के लिए काले तिल का दान और पीपल के वृक्ष पर भी काले तिल चढ़ाने का नियम है लेकिन शनिवार को काले तिल कभी न खरीदें। कहा जाता है कि इस दिन काले तिल खरीदने से कार्यों में बाधा आती है।

-शरीर के लिए जितने जरूरी वस्त्र हैं, उतने ही जूते भी। खासतौर से काले रंग के जूते पसंद करने वालों की तादाद आज भी काफी है। अगर आपको काले रंग के जूते खरीदने हैं तो शनिवार को न खरीदें। मान्यता है कि शनिवार को खरीदे गए काले जूते पहनने वाले को कार्य में असफलता दिलाते हैं।

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-रसोई के लिए ईंधन, माचिस, केरोसीन आदि ज्वलनशील पदार्थ आवश्यक माने जाते हैं। भारतीय संस्कृति में अग्नि को देवता माना गया है और ईंधन की पवित्रता पर विशेष जोर दिया गया है लेकिन शनिवार को ईंधन खरीदना वर्जित है। कहा जाता है कि शनिवार को घर लाया गया ईंधन परिवार को कष्ट पहुंचाता है।

-झाड़ू घर के विकारों को बुहार कर उसे निर्मल बनाती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। झाड़ू खरीदने के लिए शनिवार को उपयुक्त नहीं माना जाता। शनिवार को झाड़ू घर लाने से दरिद्रता का आगमन होता है।

-वहीं अनाज पीसने के लिए चक्की भी शनिवार को नहीं खरीदनी चाहिए। माना जाता है कि यह परिवार में तनाव लाती है और इसके आटे से बना भोजन रोगकारी होता है।

-विद्या मनुष्य को यश और प्रसिद्धि दिलाती है और उसे अभिव्यक्त करने का सबसे बड़ा माध्यम है कलम। कलम की ऊर्जा है स्याही। कागज, कलम और दवात आदि खरीदने के लिए सबसे श्रेष्ठ दिन गुरुवार है। शनिवार को स्याही न खरीदें। यह मनुष्य को अपयश का भागी बनाती है।

तो अब से याद रखें कि ये चीजें शनिवार को नहीं खरीदनी है वरना आपको इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। 


 

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