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आज रक्षाबंधन पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग, भूल से भी इस समय 'नहीं' बांधें भाई की कलाई में राखी वरना हो जाएगा अनिष्ट

इस बार राखी के इस पावन पर्व पर भद्रा का अशुभ साया नहीं है इसी वजह से दिन भर बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांध सकेगी। 

 

रक्षाबंधन पर इस बार ग्रहों का भी शुभ संयोग बन रहा है।आज गुरु कुंभ राशि में वक्री है और साथ में चंद्र भी है। इन ग्रहों की वजह से गजकेसरी योग बन रहा है। 2021 से पहले 1547 में धनिष्ठा नक्षत्र और सूर्य, मंगल और बुध के दुर्लभ योग में रक्षाबंधन मनाया गया था। इस साल रक्षाबंधन पर सूर्य, मंगल और बुध सिंह राशि में रहेंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य ही है। इस राशि में उसका मित्र मंगल भी रहेगा। इस दिन शुक्र कन्या राशि में रहेगा। ग्रहों के ये योग शुभ फल देने वाले हैं। 

आज श्रावण पूर्णिमा के दिन देश भर में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। जहां आमतौर पर ये पर्व श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है वहीं इस बार धनिष्छा नक्षत्र में राखी बांधी जाएगी। खास बात तो यह है कि इस बार राखी के इस पावन पर्व पर भद्रा का अशुभ साया नहीं है इसी वजह से दिन भर बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांध सकेगी। 

रक्षाबंधन पर इस बार ग्रहों का भी शुभ संयोग बन रहा है।आज गुरु कुंभ राशि में वक्री है और साथ में चंद्र भी है। इन ग्रहों की वजह से गजकेसरी योग बन रहा है। 2021 से पहले 1547 में धनिष्ठा नक्षत्र और सूर्य, मंगल और बुध के दुर्लभ योग में रक्षाबंधन मनाया गया था। इस साल रक्षाबंधन पर सूर्य, मंगल और बुध सिंह राशि में रहेंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य ही है। इस राशि में उसका मित्र मंगल भी रहेगा। इस दिन शुक्र कन्या राशि में रहेगा। ग्रहों के ये योग शुभ फल देने वाले हैं। ऐसा योग 2021 से 474 साल पहले बना था। 

आज सुबह करीब 10.37 बजे तक शोभन योग रहेगा। अमृत योग सुबह 5.40 से शाम 5.30 बजे तक रहेगा। रविवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग भी रहेगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 

 अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57:51 से दोपहर 12:49:52 तक।
अमृत काल: - सुबह 09:34 से 11:07 तक।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:33 से 05:21 तक।

ये तो हुई शुभ मुहूर्त की बात पर इस दिन कुछ समय ऐसा भी रहेगा जब आपको भूल से भी राखी नहीं बांधनी है। जी हां, यह वह समय जो आपको राखी बांधने का अशुभ परिणाम भी दे सकता है तो पहले यहां इस समय के बारे में भी जान लेते हैं ताकि इससे बचा जा सके।

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आज इस समय भूल से भी न बांधें राखी 

राहु काल : 5:16:31 से 6:54:05 तक
दुष्टमुहूर्त : 6:10:01 से 6:02:03 तक

भद्रा काल : भद्रा काल 23 अगस्त, 2021 सुबह 05:34 से 06:12 तक रहेगा।

राखी भद्राकाल और राहुकाल में नहीं बांधी जाती है क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित माना जाता हैं।

रक्षाबंधन पर बांधा जाता है रक्षासूत्र

रक्षासूत्र दुर्भाग्य और नकारात्मकता को दूर करने के लिए बांधा जाता है। माना जाता है कि जिसकी कलाई में रक्षासूत्र बांधा जाए उसके विचार सकारात्मक होते हैं और साथ ही मन भी शांत रहता है। वैसे देखा जाए तो यह रक्षासूत्र बहनें अपने भाई की कलाई पर बांधती है पर इस दिन गुरु अपने शिष्य को, पत्नी अपने पति को भी रक्षासूत्र बांध सकती है उनकी रक्षा के लिए जैसे इंद्र की पत्नी शची ने बांधा था। 

रक्षासूत्र न होने पर आप रेशमी धागा भा बांध सकते हैं और अगर आपके पास रेशमी धागा भी न हो तो पूजा में उपयोग किया जाने वाला लाल धागा यानी मौली भी बांध सकते हैं। अगर ये भी न हो तो माथे पर तिलक लगाकर भाई के सुखद भविष्य की कामना कर सकते हैं।

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भाई न हो तो ईष्टदेव को बांधें राखी 

जिन लड़कियों व महिलाओं के भाई नहीं है वे दुखी होने के बजाय अपने भगवान से नाता जोड़ें और अपने ईष्टदेव को राखी बांधें। 

रक्षासूत्र बांधते समय बोलें ये मंत्र

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वां अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

अर्थ - जिस तरह महालक्ष्मी ने एक धागे से असुरराज बलि को बांध दिया था, उसी तरह का धागा मैं मेरे भाई को बांधती हूं। भगवान मेरे भाई की रक्षा करें। यह धागा कभी टूटे नहीं और आप हमेशा सुरक्षित रहें।

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