जल्द ही शारदीय नवरात्रि आरंभ होने वाले हैं। 06 अक्तूबर, बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या है और फिर इसके अगले ही दिन से यानी 07 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएंगे। साल भर में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इसमें देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा आराधना होती है। आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ मां शक्ति की आराधना का पर्व शुरू हो जाएगा।
नवरात्रि के दौरान प्रतिपदा तिथि, अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। प्रतिपदा तिथि पर घर-घर मां का आगमन होता है, जबकि अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का पूजन कर मां की विदाई की जाती है। नवरात्रि के नौ दिन दशहरा का उत्सव मनाया जाता है।
इस बार शारदीय नवरात्रि नौ के बजाय आठ दिनों तक ही मनाया जाएगा। दरअसल कई बार तिथियों के घटने या बढ़ने से नवरात्रि के दिन कम या ज्यादा हो जाते हैं। शारदीय नवरात्रि में चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने के कारण इस बार नवरात्रि 8 दिनों की रहेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी वर्ष नवरात्रि नौ दिनों बजाय 8 दिनों की हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। वहीं अगर नवरात्रि नौ दिन से बढ़कर 10 दिन को हो तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा नवरात्रि पर देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन किस सवारी के साथ होता है इसका प्रभाव भी पड़ता है।
इस वर्ष मां दुर्गा शारदीय नवरात्रि पर डोली पर सवार होकर आ रही हैं। ज्योतिष नजरिए से मां का आगमन डोली की सवारी के साथ आना शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल जिस दिन से नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है उसके अनुसार मां वाहन का चुनाव करती हैं। गुरुवार के दिन नवरात्रि शुरू होने से मां की सवारी डोली होगी। डोली की सवारी और नवरात्रि के दिनों का कम होना कई तरह के प्राकृतिक आपदाएं और धन हानि की तरफ संकेत देती हैं।
शारदीय नवरात्रि 2021 तिथियां
7 अक्टूबर- मां शैलपुत्री
8 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी
9 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा (तीसरा और चौथा नवरात्रि)
10 अक्टूबर- मां स्कंदमाता
11 अक्टूबर- मां कात्यायनी
12 अक्टूबर- मां कालरात्रि
13 अक्टूबर- मां महागौरी
14 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री
15 अक्टूबर- दशहरा और नवरात्रि व्रत का पारण
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