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अगर जीवन में होना है कामयाब तो श्रीकृष्ण की ये बातें हमेशा रखें याद, हर परेशानी का होगा हल ​​​​​​​

हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव बना रहता है। कुछ लोग इन परिस्थितियों का सामना करते हैं, तो कुछ हार मान लेते हैं। जो इन मुसीबतों का सामना करते हैं, वह हमेशा आगे बढ़ते हैं परंतु हार मान लेने वाला व्यक्ति हमेशा पीछे रह जाता है।
 

हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव बना रहता है। कुछ लोग इन परिस्थितियों का सामना करते हैं, तो कुछ हार मान लेते हैं। जो इन मुसीबतों का सामना करते हैं, वह हमेशा आगे बढ़ते हैं परंतु हार मान लेने वाला व्यक्ति हमेशा पीछे रह जाता है। जीवन में ये परिस्थितियां हमारे मन से डर और आलस्य दूर करने के लिए आती है। ऐसे में हार मान लेना आपकी सहन क्षमता को और कमजोर बनाता है। धीरे-धीरे ऐसी आदते व्यक्ति के भविष्य को प्रभावित करती है, जो सफलता हासिल करने में बाधा उत्नपन्न करती है।


इंसान को मुसीबत के समय चट्टान की तरह मजबूत बनकर उसका हल करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते और समस्याओं को देखकर घबरा जाते हैं, तो मन को शांत करने के लिए रोजाना गीता का पाठ पढ़ें।

गीता का पाठ पढ़ने से व्यक्ति की सहनशीलता और सोच में सकारात्मक परिवर्तन आता है, क्योंकि इसमें जीवन के सार का वर्णन बहुत ही विस्तार से किया है। बता दें भगवत गीता को श्रीकृष्ण का ही एक स्वरूप माना गया है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सभी को श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी तमाम बातों का अध्ययन करना चाहिए, इससे उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं

 Shrikrishna

भगवान श्रीकृष्ण का स्वभाव बेहद नटखट है। उनकी शरारतों के किस्से गोकुल की गलियों में सुनने को मिलते हैं। लेकिन वह हमेशा विपरीत परिस्थिति में शांत रहा करते थे। भगवान कृष्ण ये जानते थे कि कंस मामा उन्हें मारना चाहते थे, फिर भी वे शांत रहते थे और समय आने पर कंस के हर प्रहार का मुंह तोड़ दिया। इस बात से हमें सीख मिलती है कि स्थिति कैसी भी हो यदि आप शांत रहते है तो समय भी आपका साथ देता है, और उस परेशानी का हल आसानी से निकल आता है।


जीवन जीतना साधारण होगा, उतना उसे जीने में आनंद आता है। ऐसा जीवन व्यक्ति की आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है। सभी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण बहुत सादा जीवन जीते थे। गोकुल के राजघराने में परविश होने के बावजूद वह सामान्य बालकों के साथ मित्रता रखते थे। ठीक ऐसे ही हमें भी साधारण जीवन जीना चाहिए। व्यक्ति के पास भले कितना ही ऊंचा पद हो व पैसों की भरमार हो, उसे कभी घमंड नहीं करना चाहिए।


श्रीकृष्ण कहते हैं कि परिस्थिति कैसी भी हो, हमें घबराना नहीं चाहिए। घबराने से व्यक्ति अक्सर अपनी मुसीबत अधिक बढ़ा लेता है। और सही निर्णय लेने की बजाए गलत मार्ग चुन लेता है, इसलिए घबराए नहीं प्रयास करें भले ही परिणाम कैसा भी हो।


इस धरती पर जब जब दोस्ती की बात होती है, तब तब कृष्ण जी और सुदामा का उदाहरण पेश किया जाता है। उनकी दोस्ती ये संदेश देती है कि जीवन में हर मोड़ पर एक सच्चा दोस्त हमेशा आपके साथ खड़ा रहता है। श्रीकृष्ण का मानना है कि एक सच्चा मित्र सफलता और मंजिल तक पहुंचाने में हमेशा सहायता करता है।


इंसान को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। अच्छे कर्म का फल आपको जरूर मिलता है, जो आपके लिए हितकारी होता है।  श्री कृष्ण कहते हैं कि जीवन में सबसे बड़ा कर्म दान है। सभी को जरूरतमंदों को दान देना चाहिए, इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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