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करवा चौथ 2021 : क्यों देखते हैं छलनी से चांद, जानिए पूजा का महत्व

करवाचौथ दो शब्दों से मिलकर बना है, 'करवा' यानि कि मिट्टी का बर्तन व 'चौथ' यानि गणेशजी की प्रिय तिथि चतुर्थी। प्रेम, त्याग व विश्वास के इस अनोखे महापर्व पर मिट्टी के बर्तन यानि करवे की पूजा का विशेष महत्त्व है, जिससे रात्रि में चंद्रदेव को जल अर्पण किया जाता है। 
 

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ

जानिए करवाचौथ पर क्यों देखते हैं छलनी से चांद


कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सभी विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, दांपत्य जीवन में प्रेम तथा भाग्योदय के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत को करवाचौथ कहते हैं। 


करवाचौथ दो शब्दों से मिलकर बना है, 'करवा' यानि कि मिट्टी का बर्तन व 'चौथ' यानि गणेशजी की प्रिय तिथि चतुर्थी। प्रेम, त्याग व विश्वास के इस अनोखे महापर्व पर मिट्टी के बर्तन यानि करवे की पूजा का विशेष महत्त्व है, जिससे रात्रि में चंद्रदेव को जल अर्पण किया जाता है। 

Karva Chauth Puja 2021
करवा चौथ 2021


आप को बता दें कि शास्त्रों में भी इसका उल्लेख किया गया है जो इस प्रकार है ------


रामचरितमानस के लंका काण्ड के अनुसार इस व्रत का एक पक्ष यह भी है कि जो पति-पत्नी किसी कारणवश एक दूसरे से बिछुड़ जाते हैं, चंद्रमा की किरणें उन्हें अधिक कष्ट पहुंचती हैं इसलिए करवाचौथ के दिन चंद्रदेव की पूजा कर महिलाएं यह कामना करती हैं कि किसी भी कारण से उन्हें अपने प्रियतम का वियोग न सहना पड़े। महाभारत में भी एक प्रसंग है जिसके अनुसार पांडवों पर आए संकट को दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव से द्रोपदी ने भी करवाचौथ का व्रत किया था। इसके बाद ही पांडव युद्ध में विजयी रहे। 

 Karva Chauth Puja 2021
करवा चौथ 2021


आइए जानते है कि क्यों देखते हैं छलनी से चांद


भक्ति भाव से पूजा के उपरांत व्रती महिलाएं छलनी में से चांद को निहारती हैं। इसके पीछे पौराणिक मान्यता यह है कि वीरवती नाम की पतिव्रता स्त्री ने यह व्रत किया। भूख से व्याकुल वीरवती की हालत उसके भाइयों से सहन नहीं हुई,अतः उन्होंने चंद्रोदय से पूर्व ही एक पेड़ की ओट में चलनी लगाकर उसके पीछे अग्नि जला दी और प्यारी बहन से आकर कहा-'देखो चाँद निकल आया है अर्घ्य दे दो ।' बहन ने झूठा चाँद देखकर व्रत खोल लिया जिसके कारण उसके पति की मृत्यु हो गई। साहसी वीरवती ने अपने प्रेम और विश्वास से मृत पति को सुरक्षित रखा। अगले वर्ष करवाचौथ के ही दिन नियमपूर्वक व्रत का पालन किया जिससे चौथ माता ने प्रसन्न होकर उसके पति को जीवनदान दे दिया। तब से छलनी में से चाँद को देखने की परंपरा आज तक चली आ रही है।

Karva Chauth Puja 2021
करवा चौथ 2021


विघ्नहर्ता गणेश देंगे आशीर्वाद


नारदपुराण के अनुसार महिलाएं वस्त्राभूषणों से विभूषित हो गणेशजी व भगवान शिव,देवी पार्वती,कार्तिकेय की पूजा करें। उनके आगे पकवान से भरे हुए दस करवे रखें और भक्तिभाव से पवित्रचित्त होकर गणेशजी को समर्पित करें। समर्पण के समय यह कहना चाहिए कि ''भगवान कपर्दी गणेश मुझपर प्रसन्न हों ।'' तत्पश्चात सुवासिनी स्त्रियों और ब्रह्मणों को आदरपूर्वक उन करवों को बांट दें। रात्रि में चंद्रोदय होने पर भगवान रजनीश यानि कि चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें।

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