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जन्माष्टमी 2021: पहले से कर लें भगवान श्री कृष्ण की पूजा की तैयारी, यहां देखें पूरी लिस्ट

आज से लगभग 5248 वर्ष पहले मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तभी से हर वर्ष इसी तिथि पर कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 

 

भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर व्रत -पूजा तो सभी करते हैं, पर कभी-कभी पूजन सामग्री का पता न होने के कारण कोई कमी भी रह जाती है जिसके कारण हमें बुरा भी लगता है। ऐसे में पहले से पूजा सामग्री के बारे में जान लें और तैयारी कर लें जिससे कि कहीं कोई कमी न रहे। 

भादो माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, जन्माष्टमी के रूप में भव्य तरीके से मनाया जाता है। शास्त्रों की मानें तो आज से लगभग 5248 वर्ष पहले मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तभी से हर वर्ष इसी तिथि पर कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 

इस दिन जहां कृष्ण मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगता है वहीं घरों में भी लोग जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं, व्रत व पूजा करते हैं साथ ही बाल गोपाल के झूले भी सजाते हैं। इस पर्व पर तो जैसे घर-घर में कृष्ण का दरबार सज जाता है। अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि में भगवान के जन्म लेने का इंतजार सभी को होता है।

भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर व्रत -पूजा तो सभी करते हैं, पर कभी-कभी पूजन सामग्री का पता न होने के कारण कोई कमी भी रह जाती है जिसके कारण हमें बुरा भी लगता है। ऐसे में पहले से पूजा सामग्री के बारे में जान लें और तैयारी कर लें जिससे कि कहीं कोई कमी न रहे। 

krishna puja samagri

तो आइये यहां जानते हैं जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा सामग्री की लिस्ट .....

श्रीकृष्ण का पाना (अथवा मूर्ति), गणेशजी की मूर्ति, अम्बिका की मूर्ति, सिंहासन (चौकी, आसन), पंच पल्लव, (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), पंचामृत, तुलसी दल, केले के पत्ते, (यदि उपलब्ध हों तो खंभे सहित), औषधि, (जटामॉसी, शिलाजीत आदि) दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र।

इत्र की शीशी, धूप बत्ती (अगरबत्ती), कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत 5, कुंकु, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, मौली, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे-, तुलसीमाला।

धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शक्कर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, (पेड़ा, मालपुए इत्यादि), इलायची (छोटी), लौंग, ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा), श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूं), पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल), एक नई थैली में हल्दी की गांठ आदि।

krishna jhula

श्रीकृष्ण को अर्पित करने हेतु वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल कलश (तांबे या मिट्टी का), सफेद कपड़ा (आधा मीटर), लाल कपड़ा (आधा मीटर), पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)।

तो यह सारी पूजन सामग्री पहले से तैयार कर लें जिससे बाद में किसी तरह कोई कमी न रहे और पूजा का पूरा फल मिले।  

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