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कालेश्वर नाथ मंदिर पर लगेगा शिवरात्रि का मेला, यह है महत्ता

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show भारत को आस्था का देश कहा जाता है। यहां मंदिरों का अलग अलग महत्व है। कहा जाता है कि कड़ कड़ में भगवान का वास है। ऐसा ही एक मंदिर। सकलडीहा क्षेत्र के चतुर्भुजपुर में स्थित है। स्वयंभू बाबा कालेश्वर नाथ के मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर जलाभिषेक के लिए भारी भीड़ जुटती है।
 
कालेश्वर नाथ मंदिर पर लगेगा शिवरात्रि का मेला, यह है महत्ता

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भारत को आस्था का देश कहा जाता है। यहां मंदिरों का अलग अलग महत्व है। कहा जाता है कि कड़ कड़ में भगवान का वास है। ऐसा ही एक मंदिर। सकलडीहा क्षेत्र के चतुर्भुजपुर में स्थित है। स्वयंभू बाबा कालेश्वर नाथ के मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर जलाभिषेक के लिए भारी भीड़ जुटती है। मेले के तैयारी की व्यवस्था अंतिम चरण में चल रही है।

बाबा कालेश्वर नाथ के भक्त रामनिवास पाठक ने बताया कि मान्यता है कि बाबा कालेश्वर नाथ के दर्शन एवं पूजन करने से अकाल मृत्यु टल जाती है। इसके कई प्रमाण आज भी विद्यमान है। इस मंदिर को सकलडीहा कोट के ठाकुर बाबू वख्त सिंह द्वारा बनाया गया है। पुत्र विहीन बब्बू वख्त सिंह की मनोकामना पूर्ण हुई और उनकी वंशावलि चल रही है। यह शिव लिंग अपने आप निकला है। यह शिवलिङ्ग दिनों दिन बढ़ती है और धारीदार है जो अलौकिक है।

मान्यता है कि पूरे विश्व में धारीदार शिवलिंग कहीं नहीं मिलती है। मात्र यही ही दुर्लभ शिवलींग है। बाबा कालेश्वर नाथ के पूजन अर्चन से मनोवांछित कामनाएं तो पूर्ण होती ही है और अकाल मृत्यु भी टल जाती है। शिवरात्रि के अवसर पर बाबा कालेश्वर नाथ के स्थान पर भव्य शिव बारात निकलती है और लौकिक रीति रिवाज के साथ वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जाता है।

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