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पहली बार करने जा रही हैं करवा चौथ का व्रत, तो जान लें ये महत्वपूर्ण बातें

इस बार करवा चौथ का व्रत 24  अक्टूबर 2021 दिन रविवार को किया जाएगा। महिलाएं कई दिनों पहले से ही करवा चौथ की तैयारियां शुरु कर देती हैं। वैसे तो किसी भी सुहागिन स्त्री के लिए करवा चौथ बेहद ही महत्वपूर्ण दिन होता है
 
24  अक्टूबर 2021 करवा चौथ व्रत

प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन स्त्रियों के द्वारा पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24  अक्टूबर 2021 दिन रविवार यानि कि आज किया जाएगा। महिलाएं कई दिनों पहले से ही करवा चौथ की तैयारियां शुरु कर देती हैं। वैसे तो किसी भी सुहागिन स्त्री के लिए करवा चौथ बेहद ही महत्वपूर्ण दिन होता है लेकिन नवविवाहिताओं के लिए पहला करवा चौथ बहुत ही मायने रखता है। हर नवविवाहित लड़की पहले करवा चौथ को लेकर अति उत्साहित रहती है। यदि आपकी नई शादी हुई है और आप पहली बार करवा चौथ का व्रत करने जा रही हैं तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जान लेना आवश्यक है।

Karva Chauth Puja 2021


बहुत खास होती है सरगी की परंपरा


करवा चौथ के व्रत में सरगी की परंपरा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। सरगी सास के द्वारा बहू को आशीर्वाद स्वरुप दी जाती है। इसमें खाने की कुछ चीजें और सुहाग का सामान जैसे, लाल जोड़ा, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, चूड़ी, बिछियां आदि होती हैं। यदि आप पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो सूर्योदय से पहले उठकर ही सरगी ग्रहण कर लें। सरगी के लिए प्रातः तीन बजे से लेकर चार बजे तक का समय सही माना जाता है। बहू को सरगी लेते समय अपनी सास से आशीर्वाद लेना चाहिए तत्पश्चात सरगी खाकर व्रत का आरंभ करना चाहिए। 


चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण


सरगी खाने के बाद व्रत आरंभ हो जाता है इसके बाद महिलाओं को पूरे दिन बिना अन्न जल के व्रत रखना होता है। करवा चौथ पर पूजन के शुभ मुहूर्त में मां करवा, भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए और करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए, इसके बाद रात में चंद्रमा निकलने के पर पूजन और अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करना चाहिए। इसके बाद घर के सभी बड़ो आशीर्वाद लेना चाहिए। 

Karva Chauth 2021


सास के लिए निकालें बायना


यदि आप पहली बार व्रत करने जा रही हैं तो आपको बायना के बारे में पता होना चाहिए। करवा चौथ पर बहु के द्वारा भी सास के लिए जो उपहार दिए जाते हैं उसे बायना कहा जाता है। इसमें वस्त्र, खाने का सामान व श्रंगार का सामान होता है। इन सभी चीजों को पूजन के समय साथ में रखना चाहिए और बाद में इसे अपनी सास या फिर किसी सुहागिन स्त्री को दक्षिणा के साथ उपहार में देना चाहिए।


12 से 16 वर्षों तक निरंतर व्रत रखना है आवश्यक


सुहागिन स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है यदि आप करवा चौथ का व्रत आरंभ करने जा रही हैं तो इस बात को जानना आपके लिए आवश्यक है कि करवा चौथ का व्रत विवाह के बाद 12 या फिर 16 वर्षों तक निरंतर रखना चाहिए। इसके बाद व्रत का उद्यापन किया जा सकता है। आप अपनी क्षमतानुसार यह व्रत आजीवन भी कर सकती हैं।

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