जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

वैशाख मा​ह 2024: ये हैं इस महीने में 3 शुभ योग, स्नान और दान का है खास महत्व, जानें पितरों को खुश करने का सही तरीका व समय

वैशाख मा​ह का प्रारंभ 24 अप्रैल बुधवार से हो चुका है। वैशाख अमावस्या का पावन पर्व इस माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को है। वैशाख अमावस्या के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिसके कारण यह पर्व और भी विशेष होने वाला है।
 

वैशाख मा​ह का प्रारंभ 24 अप्रैल बुधवार से हो चुका है। वैशाख अमावस्या का पावन पर्व इस माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को है। वैशाख अमावस्या के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिसके कारण यह पर्व और भी विशेष होने वाला है। वैशाख अमावस्या के अवसर पर स्नान और दान करने का बड़ा महत्व है। उस दिन अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं और पितरों की पूजा भी की जाती है, ताकि वे खुश होकर आशीर्वाद दें।


किस दिन है वैशाख अमावस्या 2024?


वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 07 मई दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 08 मई बुधवार को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे ​में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, वैशाख अमावस्या 8 मई बुधवार को होगी और दर्श अमावस्या 7 मई को है।


वैशाख अमावस्या पर बन रहे 3 शुभ योग


8 मई को वैशाख अमावस्या के अवसर पर 3 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं। उस दिन सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर शाम 05 बजकर 41 मिनट तक है। उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात रहेगा।


इनके अतिरिक्त सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर में 01 बजकर 33 मिनट पर होगा, जो अगले दिन 9 मई को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वैशाख अमावस्या के दिन भरणी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक है, उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र है।


वैशाख अमावस्या 2024 स्नान दान समय


वैशाख अमावस्या के दिन आप स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ कर सकते हैं। उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:10 से 04:52 तक है। ब्रह्म मुहूर्त को स्नान के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। वैशाख अमावस्या पर लाभ-उन्नति मुहूर्त 05:35 से 07:15 तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 07:15 से 08:56 तक है।


वैशाख अमावस्या 2024 पितरों को खुश करने का समय


वैशाख अमावस्या पर आप जब स्नान करें. उसके बाद ही अपने पितरों का स्मरण करें। फिर उनके लिए जल, काले तिल, सफेद फूल और कुशा से तर्पण करें। यदि आप वैशाख अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति के उपायों में पिंडदान या श्राद्ध करना चाहते हैं तो आप दिन में 11 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के बीच कर सकते हैं।


वैशाख अमावस्या का महत्व


वैशाख माह में जल का दान महत्वपूर्ण माना गया है. जल दान करने से व्यक्ति को तीर्थ करने के समान पुण्य मिलता है। इस वजह से वैशाख अमावस्या के दिन आप लोगों को पानी पिलाएं, राहगीरों के लिए प्याऊ की व्यवस्था कराएं। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें। त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*