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सावन में विशेष फलदायी होती है शिव पूजा, इन चीजों को चढ़ाने से मिलेगी कष्टों से मुक्ति

सावन सोमवार को भगवान शंकर की विशेष पूजा की जाती है, व्रत रखा जाता है जिससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 
 
भगवान शिव-शंकर का प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है और आज पहला सावन सोमवार है और हर तरफ बम-बम भोले के नारे गूंज रहे हैं। 

भगवान शिव-शंकर का प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है और आज पहला सावन सोमवार है और हर तरफ बम-बम भोले के नारे गूंज रहे हैं। सावन सोमवार को भगवान शंकर की विशेष पूजा की जाती है, व्रत रखा जाता है जिससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर कुछ वस्तु अर्पित की जाती है जिसे शिवामुट्ठी कहते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से न सिर्फ भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं बल्कि भक्त के सारे कष्ट हर लेते हैं और उसे मनचाहा फल भी प्रदान करते हैं। 

तो आइये यहां जानते हैं किस सोमवार को शिवलिंग पर क्या अर्पित करें 

- पहले सोमवार को कच्चे चावल की एक मुट्ठी शिवलिंग पर अर्पित करें।

-दूसरे सोमवार को सफेद तिल एक मुट्ठी शिवलिंग पर चढ़ाएं 

- तीसरे सोमवार को खड़े मूँग एक मुट्ठी चढ़ाएं 

- चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी शिवलिंग पर अर्पित करें 

- पांच सावन सोमवार हो तो पांचवें सोमवार को सतुआ चढ़ाएं। 

यदि पांच सावन सोमवार  न हो तो आखरी सोमवार को दो मुट्ठी भोग अर्पित करें। 


ग्रह बाधा दूर करने के लिए ऐसे करें शिव पूजा

महादेव देवों के देव है और माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। सावन के महीने में तो शिवजी की विशेष पूजा की जाती है वहीं शिव पूजा से ग्रह बाधा से भी मुक्ति मिलती है।  अगर आप किसी ग्रह बाधा से पीड़ित हैं तो कुछ विशेष चीजें शिवजी को अर्पित करके इससे मुक्ति पा सकते हैं। 

- अगर आप सूर्य से बाधित हैं तो विधिवत या पंचोपचार के बाद लाल { बैंगनी } आक के पुष्प एवं पत्तों से शिव की पूजा करें।

- चंद्रमा से परेशान हैं तो हर सोमवार शिवलिंग पर गाय का दूध अर्पित करें। साथ ही सोमवार का व्रत भी करें।

- मंगल से संबंधित बाधाओं के निवारण के लिए गिलोय की जड़ी-बूटी के रस से शिव का अभिषेक करना लाभप्रद होता है।

- बुध से संबंधित परेशानी दूर करने के लिए विधारा की जड़ी के रस से शिव का अभिषेक करना चाहिए।

- बृहस्पति से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए प्रत्येक बृहस्पतिवार को हल्दी मिश्रित दूध शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।

- शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाना चाहते हैं तो पंचामृत एवं घृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।

- शनि से संबंधित बाधाओं के निवारण के लिए गन्ने के रस एवं छाछ से शिवलिंग का अभिषेक करें।

- राहु-केतु से मुक्ति के लिए कुश और दूर्वा को जल में मिलाकर शिव का अभिषेक करने से लाभ होगा।

मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए यूं करें भोलेनाथ का अभिषेक 

शास्त्रों में मनचाहा फल पाने के साथ ही संकट मुक्ति के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ बताया गया है। अलग-अलग धाराओं से शिव अभिषेक करने पर उसका विशेष फल मिलता है। 

जैसे कि जब किसी का मन बेचैन हो, निराशा से भरा हो, परिवार में कलह हो रहा हो, अनचाहे दु:ख और कष्ट मिल रहे हो तब शिव लिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। शिव का अभिषेक करते समय मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए। 

-वंश की वृद्धि के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करें।

- शिव पर जलधारा से अभिषेक मन की शांति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है।

- भौतिक सुखों को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें।

- बीमारियों से छुटकारे के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें।

- गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर हर सुख और आनंद मिलता है।

-सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं का शमन होता।

- सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा। शिव को गंगाधर कहा जाता है। शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है। गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। इससे अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

शिव पूजा में रखें इन बातों का ध्यान ...

सावन के महीने में शिवलिंग की उपासना विशेष फलदायी होती है। शिवलिंग जहां स्थापित हो वहां पूजन के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही बैठें और फिर करें शिव पूजन। कभी भी शिवलिंग का पूजन दक्षिण दिशा में  बैठकर न  करें।


शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से मिलता है क्या फल ....

- बिल्वपत्र चढ़ाने से जन्मान्तर के पापों व रोग से मुक्ति मिलती है।

- कमल पुष्प चढ़ाने से शान्ति व धन की प्राप्ति होती है।

- कुशा चढ़ाने से मुक्ति की प्राप्ति होती है।

- दूर्वा चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है।

-धतूरा अर्पित करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति व पुत्र का सुख मिलता है।

- कनेर का पुष्प चढ़ाने से परिवार में कलह व रोग से निवृत्ति मिलती हैं।

- शमी पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता, शत्रुओं का शमन व भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।

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