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माघ माह गुप्त नवरात्रि 2025 हो गयी शुरू, माघ माह की गुप्त नवरात्रि में करें 5 अचूक उपाय

इस नवरात्रि में पवित्र रहकर यदि उपवास करते हैं तो बहुत लाभ मिलता है। यदि आप साधना या उपवास नहीं कर रहे हैं तो आप इन 5 अचूक उपायों से भी लाभ पा सकते हैं।
 
 

माघ माह गुप्त नवरात्री 2025:  माघ माह की गुप्त नवरात्रि में करें 5 अचूक उपाय

जीवन के हर संकट हो जाएंगे दूर

हमारे धर्म में गुप्त नवरा‍त्रि का भी विशेष महत्व है। हर वर्ष में 2 गुप्त नवरा‍त्रियां होती हैं। पहली अषाढ़ माह की और दूसरी माघ माह की। वर्ष 2025 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार के दिन 30 जनवरी 2025 से हो गयी है और इसका समापन शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होगा। यह नवरात्रि गुप्त साधनाओं के लिए होती है। इस नवरात्रि में पवित्र रहकर यदि उपवास करते हैं तो बहुत लाभ मिलता है। यदि आप साधना या उपवास नहीं कर रहे हैं तो आप इन 5 अचूक उपायों से भी लाभ पा सकते हैं।
 
1. गायत्री मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें:-
गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए प्रतिदिन गायत्री मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसे सुबह और शाम करना अधिक प्रभावी माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
 
2. नौ देवियों का गुप्त रूप से पूजन:-
गुप्त नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा करें। देवी को लाल फूल, चावल, नारियल और चुनरी अर्पित करें। साथ ही, नौ दिनों तक देवी के मंत्रों का जाप करें। विशेष रूप से "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का 108 बार जाप अत्यंत शुभ होता है।
 
3. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें:-
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ गुप्त नवरात्रि में बहुत प्रभावशाली माना जाता है। यह पाठ जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और कार्यों में सफलता दिलाता है। इसे दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ करें, तो विशेष फल मिलता है।
 
4. ध्यान और साधना करें:-
गुप्त नवरात्रि के दौरान प्रातः काल में ध्यान करें। किसी शांत स्थान पर बैठकर देवी का ध्यान करते हुए अपने मन की शांति और इच्छाओं के लिए प्रार्थना करें। यह साधना आपके आत्मबल को बढ़ाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।

5. काले तिल और गुड़ का दान करें:-
गुप्त नवरात्रि में काले तिल, गुड़, कपड़े और भोजन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दान पितृ दोष और ग्रह दोष को शांत करता है। साथ ही, इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

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