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महाशिवरात्रि पर आप भी करिए इस प्राचीन शिव मंदिर का दर्शन, मन्नतें होती हैं पूरी

इस शिव मंदिर में प्रति वर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर  रामायण का पाठ व संध्या के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कराया जाता है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ जुटती है।

 
 

जानिए चंदौली के किस गांव में है मन्नतें पूरी करने वाला शिव मंदिर

मन्नतें पूरी होने के बाद ढोल नगाड़े के साथ भक्त करते हैं मंदिर में पूजा

शिवरात्रि पर होता है भंडारे का आयोजन 
 

चन्दौली जिले के नियामताबाद क्षेत्र चंदाईत गांव में प्राचीन शिव मंदिर पर जो लोग मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नतें पूरी होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब किसी मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो वह ढोल नगाड़ों के साथ शिव जी का दर्शन करता है।

आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व को देखते हुए प्राचीन शिव मंदिर चंदाईत में साफ सफाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। महाशिवरात्रि का यह पावन त्यौहार भगवान शिव को समर्पित एक त्यौहार है। यह भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। 

Mahashivratri 2023

पुजारी विजय कृष्ण पांडेय ने बताया कि चंदाईत शिव मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है। यहां पर श्रद्धालु जब भी कोई मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नतें जरूर पूरी होती हैं। मन्नतें पूरी होने के बाद भक्त लोग ढोल नगाड़ों के साथ शिव जी का दर्शन करते हैं और मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन कराते हैं। इसमें इलाके के हजारों श्रद्धालु प्रसाद भी ग्रहण करते हैं। 

इस शिव मंदिर में प्रति वर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर  रामायण का पाठ व संध्या के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कराया जाता है, जिसमें लोगों की भारी भीड़ जुटती है।


 महाशिवरात्रि पर्व का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है जीवन में ईश्वरी शक्ति के महत्व भगवान शिव के द्वारा मानव जाति तथा सृष्टि के कल्याण के लिए विषपान जैसे असीम त्याग को भी प्रदर्शित करता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शिव पुरुष का प्रतीक हैं, जो कि ध्यान है। मां पार्वती प्रकृति का प्रतीक है, जो कि प्रकृति हैं। इस चेतना और ऊर्जा के मिलन से सृजन को बढ़ावा मिलता है। यह त्यौहार जीवन में अंधकार और अज्ञानता पर काबू पाने का भी स्मरण कराता है।

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