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मौनी अमावस्या के दिन दान का है विशेष महत्व, जानिए क्या दान करना सर्वश्रेष्ठ

मौनी अमावस्या पर तिल से जुड़े उपाय को भी बहुत ही फलदायी बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन उपायों से न केवल जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
 

जानिए मौनी अमावस्या के दिन क्या दान करें और क्या नहीं

कैसे मिलती है पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ देवता प्रसन्न

आज के दिन है  सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग

हमारे हिंदू धर्म में माघ का महीना एक विशेष महत्व रखता है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दिन नदियों में स्नान व दान का खास महत्व होता है। इसमें भी मौनी अमावस्या का विशेष स्थान है।

हमारे सनातन धर्म की मान्यता व धार्मिक ग्रंथों में मिलने वाली जानकारी के अनुसार, मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर किसी पवित्र नदी में स्नान करना और दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ देवता प्रसन्न होते हैं।

मौनी अमावस्या पर तिल से जुड़े उपाय को भी बहुत ही फलदायी बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन उपायों से न केवल जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं, बल्कि मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक में स्थान मिलने की मान्यता भी है।

Mauni Amavasya 2025

आज बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। ये मौन रहकर भक्ति करने का पर्व है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ, नदी स्नान और दान-पुण्य से अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है। इस साल मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान किया जा रहा है।

 मौनी अमावस्या के दिन सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। जिससे इस दिन स्नान-दान के कार्यों का महत्व कहीं अधिक बढ़ गया है। ज्योतिष के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन कुछ चीजों का दान पुण्यफलदायी होता है। वहीं, इस दिन कुछ चीजों का दान करने से बचना चाहिए।

Mauni Amavasya 2025

कहा जाता है कि ऐसा करने से अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन क्या दान करें और क्या नहीं?

मौनी अमावस्या के दिन क्या दान करें और क्या नहीं
मौनी अमावस्या के दिन चावल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि सुख-समृद्धि आती है।
मौनी अमावस्या के दिन तिल या तिल के लड्डू का दान कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन वस्त्र और कंबल के दान कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन गुड़ का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष मुक्ति मिलती है
मौनी अमावस्या के दिन लोहे से निर्मित चीजों का दान करना चाहिए।

मौनी अमावस्या के दिन सरसों का तेल नहीं करना चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन काले रंग से बनी चीजों का दान नहीं करना चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन नमक दान करने से बचना चाहिए।

मौनी अमावस्या स्नान तिथि व समय
माघ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, सायंकाल 07:35 मिनट से
माघ अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, सायंकाल 06: 05 मिनट पर
उदयातिथि के अनुसार  29 जनवरी को माघी या मौनी अमावस्या का स्नान जारी है।

मौनी अमावस्या पर इन धार्मिक उपायों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बना सकता है और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। यह पर्व न केवल धार्मिक कर्मों का प्रतीक है, बल्कि आत्मसंयम और साधना का भी प्रतीक है।

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