16 दिनों तक लगातार इस स्थान पर जलाएं दीपक, पितर होंगे तृप्त, घर में सुख-समृद्धि और धन का देंगे आशीर्वाद
ज्योतिष शास्त्र में पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाने का विशेष महत्वहै। पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होती है और अश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है। हम आपको बता दें कि श्राद्ध पक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। इन 16 दिनों में पितरों की याद में तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म किए जाते हैं। इससे पितर प्रसन्न होकर अपनी संतानों को आशीर्वाद देते हैं और घर में सुख-समृद्धि और धन का आशीर्वाद देते हैं।
श्राद्ध कर्म में पूजा-पाठ के अलावा नियमित दीपक जलाने को भी विशेष महत्व दिया जाता है। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे स्थानों का उल्लेख किया गया है जहां पूर्वज रहते थे। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी के लिए घी का दीपक, हनुमान जी के लिए चमेली के तेल का दीपक और शनि महाराज के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। इसी तरह पितृ पक्ष के दौरान भी तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं। जानिए इन 16 दिनों में किस दिशा में और किस स्थान पर दीपक जलाने से शुभ फल मिलते हैं।
पितृ पक्ष में घर की इन जगहों पर जलाएं दीपक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में 16 दिन पितरों को याद किया जाता है। साल के इस समय घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। आपको बता दें कि वास्तु के अनुसार पितरों का वास दक्षिण दिशा की ओर होता है। ऐसे में अपने घर में सुबह और शाम के समय दीपक अवश्य जलाएं। अगर आप घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाएंगे तो आपके पूर्वज प्रसन्न होंगे। साथ ही आपको आशीर्वाद भी देते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे पितर बहुत जल्दी संतुष्ट होते हैं। साथ ही पितरों द्वारा सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान नियमित रूप से शाम के समय रसोई में पानी के स्थान पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा की कृपा भी प्राप्त होती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृ पक्ष पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम दिन माने जाते हैं। इन दिनों पितरों के लिए पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं के अलावा पितरों का भी वास होता है। इसलिए इन 16 दिनों तक पीपल के पेड़ के पास घी का दीपक अवश्य जलाएं।
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