जानिए कब होगा जुलाई माह में आखिरी प्रदोष व्रत, तिथि के साथ-साथ पूजा विधि और उपाय
जुलाई में गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई 2024 के दिन रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार होने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दौरान शिव पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 44 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक है।
सप्ताह में सोमवार का दिन महादेव की पूजा को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं। वहीं शिव जी की विशेष कृपा पाने के लिए प्रदोष की तिथि को बेहद शुभ माना गया गया है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। लेकिन आषाढ़ माह में आने वाले इस उपवास को सबसे खास माना जाता है। वहीं आषाढ़ माह में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। पहला प्रदोष व्रत, जो 3 जुलाई 2024 को रखा जा चुका है। ऐसे में दूसरा व्रत 18 जुलाई, 2024 के दिन रखा जाएगा।
इस दिन महादेव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है। साथ ही उनकी कृपा भी बनी रहती है। कहते हैं कि जिन लोगों पर महादेव की कृपा होती है, उस व्यक्ति के जीवन में सफलता के योग बनने लगते हैं और शत्रुओं का नाश होता है। ये व्रत स्त्री और पुरुष दोनों ही करते हैं। इस दौरान कुछ उपायों को करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। ऐसे में आइए उन उपायों के बारे में जान लेते हैं।
कब गुरु प्रदोष व्रत?
जुलाई में गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई 2024 के दिन रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार होने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दौरान शिव पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 44 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन आप सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। इसके बाद घर के पूजा स्थान पर चौकी लगाकर उसपर शिव और मां पार्वती की मूर्ति को रखें। इसके बाद शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। पूजा के दौरान महादेव को फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें। फिर दिया जलाकर आरती करें। इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ होता है। इसलिए पाठ करें और बाद में महादेव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
गुरु प्रदोष व्रत पर करें ये 3 उपाय
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को दही में शहद मिलाकर भोग लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने पर वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
प्रदोष व्रत के दिन दूध में थोड़ा-सा केसर मिला लें। इसके बाद इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं। दूध चढ़ाते समय ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इससे कार्यों में सफलता के योग बनते हैं।
इस दौरान श्री शिव रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करना बेहद शुभ होता है। माना जाता है कि इसका पाठ करने से मन से सभी प्रकार के डर भय दूर हो जाते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।
शिव शक्तिशाली मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं 'ऊँ नम: शिवाय:' श्रीं ह्रीं ऐं।
ऊँ हौं जूं स:
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