बेन हनुमान मंदिर पर रामकथा का आयोजन, नव दिवसीय संगीतमय श्रीरामकथा जारी
रामकथा के श्रवण से मानव का चरित्र होता है पवित्र
मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी सुना रही हैं कथा
कई प्रसंगों से लोगों का मन मोहा
कथा वाचिका शालिनी त्रिपाठी शिव पार्वती विवाह की अद्भुत व्याख्या करते हुए कहा महर्षि सप्तऋषि मां पार्वती की प्रेम परीक्षा लेने गए थे। उन्होंने पार्वती जी से कहा कि आप शिव को छोड़ नारायण से विवाह कर लीजिए वह गुणों के धाम है जिस पर माता पार्वती ने कहा कि महादेव भले ही अवगुणों के भवन हो किंतु मैंने अपने गुरुदेव की आज्ञा से महादेव को ही पति रूप में स्वीकार कर लिया है। और जब संबंध जुड़ जाए तो दोष दर्शन नहीं करना चाहिए। दोष दर्शन तब किया जाता है जब संबंध विच्छेद करना हो।
अंत में बाबा भोलेनाथ नंदी पर सवार होकर विवाह के लिए जाते हैं उनके विवाह की कथा सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो जाते हैं और हर हर महादेव के नारे लगाकर भगवान शिव का विवाह संपन्न कराया। आरती के साथ दूसरे निशा की कथा को विश्राम दिया गया।
कथा के दौरान विधायक कैलाश आचार्य, मनोज तिवारी, प्रताप नारायण द्विवेदी, वीरेंद्र द्विवेदी, पंचदेव द्विवेदी, भैरो जायसवाल, अमरनाथ गुप्ता, कंचन तिवारी, सुनैना आदि श्रोतागण रहे।
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