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रोज करे रामरक्षास्रोत का पाठ, प्रभु श्रीराम होंगे प्रसन्न, जानिए इसका महत्व और नियम

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बने भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ रामलला विराजमान हो गए हैं। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का इंतजार सभी को बेसब्री से था।
 

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बने भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ रामलला विराजमान हो गए हैं। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का इंतजार सभी को बेसब्री से था। पूरे देश में राम भक्ति की लहर के साथ लोग अपने-अपने तरीके से प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन हैं। ऐसे में भगवान श्रीराम की उपासना करने के लिए श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना पुण्यदायक और लाभदायक सिद्ध होगा। श्रीराम रक्षा स्त्रोत में भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया गया है। 


मान्यता है कि श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से भगवान श्रीराम भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं, उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ एक ऐसा अमोघ कवच है जिससे कोई भी शत्रु उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता है। इस स्तोत्र का पाठ करने वालों का श्रीराम द्वारा रक्षण होता है। मान्यता है कि भगवान शंकर ने बुधकौशिक ऋषि को स्वप्न में दर्शन देकर, उन्हें रामरक्षा सुनाई और प्रात:काल उठने पर उन्होंने वह लिख ली। यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में है।


राम रक्षास्त्रोत का महत्व


रामरक्षास्त्रोत एक रक्षा कवच है । इसका पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है। इसके नित्य पाठ से कष्ट दूर होते हैं। जो इसका रोज़ाना पाठ करता है वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी और  विनयसंपन्न होता है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति के चारों और सुरक्षा कवच बनता है, जिससे हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा होती है। कहा जाता है इसके पाठ से भगवान राम के साथ पवनपुत्र हनुमान भी प्रसन्न होते हैं। संतान प्राप्ति एवं धन लाभ की इच्छा रखने वाले लोग भी नियमित रूप से इसका पाठ करें।


रामरक्षास्त्रोत पाठ करने के नियम


ऐसी मान्यता है कि यदि आप किसी मनोकामना की पूर्ति हेतु राम रक्षा स्त्रोत्र का पाठ कर रहे हैं तो इसे दिन में 11 बार करें और 41 दिनों तक नियमित रूप से इस पाठ का जाप करें। इस स्तोत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पाठ करते समय मन में प्रभु श्री राम का ध्यान रखते हुए सभी विकारों से दूर रहें।पाठ करते समय साफ़ सात्विक रंग के धुले हुए वस्त्र धारण करें।


रामरक्षास्त्रोत के उपाय

 

  • यदि आप किसी भूत-प्रेत की बाधा से परेशान हैं तो आप इस दिव्य मंत्र- श्रीराम रक्षा स्त्रोत के जाप द्वारा अभिमंत्रित किया हुआ जल पीयें। इसके बाद इस पवित्र जल को अपने ऊपर छिड़क लें, लाभ होगा।
  • नजर दोष से बचने के लिए कागज पर लाल स्याही से श्रीराम रक्षा स्त्रोत को शुभ मुहूर्त में लिखें। उसके बाद इस कागज़ की धूप, दीप से आरती करके इसे ताबीज में पहन लें।  
  • यदि आपको वाहन दुर्घटना का खतरा बना रहता है, तो कागज़ पर लाल स्याही से श्रीराम रक्षा स्तोत्र को लिखें । इसके बाद इसे ताबीज में भरकर गाडी में बांध दें। मान्यता है कि ऐसा करने से वाहन से जुड़ी अनेकों तरह की बाधाएं दूर हो जाएंगी।
  • यदि आपके घर में आये दिन कलह या वाद विवाद होता रहता है। तो घर में श्रीराम रक्षा स्तोत्र के 11 पाठ के द्वारा अभिमंत्रित जल में थोडा सा गोमूत्र मिलाकर पूरे घर में छिड़कना चाहिए, इससे घर में सुख-शांति आएगी।

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