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जानिए कब रखा जाएगा सफला एकादशी का व्रत, कैसे करें विशेष पूजा

सफला एकादशी का व्रत सारे कार्य को सिद्ध करने का आशीर्वाद प्रदान करता है। इस दिन श्रीहरि की पूजा से हर क्षेत्र में सफलता मिलती भगवान विष्णु ने जनकल्याण के लिए अपने शरीर से माता एकादशी को उत्पन्न किया था।
 

सफला एकादशी का व्रत सारे कार्य को सिद्ध करने का आशीर्वाद प्रदान करता है। इस दिन श्रीहरि की पूजा से हर क्षेत्र में सफलता मिलती भगवान विष्णु ने जनकल्याण के लिए अपने शरीर से माता एकादशी को उत्पन्न किया था। भगवतगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने एकादशी तिथि को स्वयं के समान ही बलशाली बताया है। हर माह की एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग है।

पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते है। शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति सारे कार्य सफल हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 07 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 41 मिनट शुरू होगी और अगले दिन 8 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी।


शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी 2024 को करना श्रेष्ठ होगा। इसमें पूरे दिन एकादशी का प्रभाव रहेगा। पूजा, दान, रात्रि जागरण करने के लिए ये दिन शुभ रहेगा।

पूजा समय - सफला एकादशी के दिन सुबह 08.33 मिनट से दोपहर 12.27 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। एकादशी पर सूर्योदय से व्रत शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। इस दिन रात्रि जागरण का विधान है।


व्रत पारण - सफला एकादशी का व्रत पारण 8 जनवरी 2024 को सुबह 06.39 से सुबह 08.59 मिनट के बीच किया जाएगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - रात 11:58।

इस दिन व्रत रहकर भगवान विष्णु की मूर्ति को 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' मंत्र का उच्चारण करते हुए पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, नैवैद्य, ऋतुफल, पान, नारियल आदि अर्पित करके कपूर से आरती करें। रात के समय जागरण करके यदि व्रत का पारण किया जाए तो यह बहुत ही उत्तम फलदायी माना जाता है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत ही लाभकारी रहता है।

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