जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

जानिए कब है सकट चौथ का व्रत? पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सकट चौथ के अलावा संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है।
 

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत

सकट चौथ का व्रत प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सकट चौथ के अलावा संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। सकट चौथ का व्रत प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।

यह व्रत खासतौर पर महिलाओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से विघ्नहर्ता गणेश संतान के सारे संकटों को दूर करते हैं। आइए जानते हैं इस साल सकट चौथ की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...

सकट चौथ 2024 तिथि


पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की सकट चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी 2024 को सुबह 06 बजकर 10 मिनट होगी। अगले दिन इसका समापन 30 जनवरी 2024 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी 2024 को रखा जाएगा। 

सकट चौथ 2024 मुहूर्त

  • अमृत (सर्वोत्तम)- सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक
  • शुभ (उत्तम) - सुबह 09 बजकर 43 मिनट से सुबह 11 बजकर 14 मिनट स तक
  • शाम का मुहूर्त - शाम 04 बजकर 37 मिनट से शाम 07 बजकर 37 मिनट तक


सकट चौथ 2024 चंद्रोदय समय 


माघ माह की सकट चतुर्थी के दिन 29 जनवरी को चंद्रोदय रात 09 बजकर 10 मिनट पर होगा।

sakat chauth fast 2024



सकट चौथ की पूजा विधि

  • सकट चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें। गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति भी रखें।
  • गणेश जी और मां लक्ष्मी को रोली और अक्षत लगाएं। फिर पुष्प, दूर्वा, मोदक आदि अर्पित करें।
  • सकट चौथ में तिल का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं।
  • ॐ गं गणपतये नमः: मंत्र का जाप करें।
  • अंत में सकट चौथ व्रत की कथा सुनें और आरती करें।
  • रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर सकट चौथ व्रत संपन्न करें।


सकट चौथ का महत्व


माताएं अपनी संतान के सुखी जीवन के लिए सकट चौथ का व्रत रखती हैं। व्रती महिलाएं शाम को गणेश जी की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करती हैं। मान्यता है कि माघ माह की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तीव्र बुद्धि, ज्ञान का परिचय दिया था। इस व्रत को करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य, बुद्धि, समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही इस दिन तिल का स्नान, दान, उसके सेवन और पूजा में विशेष इस्तेमाल किया जाता है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*