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अबकी बार 19 मई को मनायी जाएगी शनि जयंती, दान का होता है खास महत्व

 पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 18 मई को रात 9:42 पर शुरू हो जाएगी और यह 19 मई को रात 9:22 पर खत्म होगी। इसलिए अबकी बार शनि जयंती उदया तिथि के अनुसार 19 मई को ही मनाई जाएगी।

 
 

 जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर पूजा

शनि जयंती के दिन पूजा का खास फल

 कई गुना फल की प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

हमारे हिंदू पंचांग और हिंदू धर्म में शनि भगवान की बड़ी महत्ता है। हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म होना बताया जाता है और इसे शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है।

 ऐसा माना जाता है कि शनि जयंती पर भगवान शनि देव की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि अबकी बार 19 मई 2023 को पड़ रही है। इस दौरान शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शनि की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है। शनि देव हर व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं।

shani jayanti 2023

 पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 18 मई को रात 9:42 पर शुरू हो जाएगी और यह 19 मई को रात 9:22 पर खत्म होगी। इसलिए अबकी बार शनि जयंती उदया तिथि के अनुसार 19 मई को ही मनाई जाएगी।

 शनि जयंती मनाने के लिए इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें तथा घर में दीप प्रज्वलित करके भगवान शनि को याद करें। अगर आपके आसपास शनिदेव का मंदिर है तो वहां पर जाएं और शनिदेव को तेल और पुष्प अर्पण करें। शनि देव के पास बैठकर शनि चालीसा का पाठ करें। कुछ लोग शनि जयंती पर व्रत भी रखते हैं और मान्यताओं के अनुसार दान भी किया करते हैं। शनि जयंती पर इच्छा अनुसार दान करने वालों को कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

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