श्री राम की बड़ी बहन थी शांता, नहीं मिलता इनका रामायण में उल्लेख
राजा दशरथ की तीन रानियां थीं, पहली कौशल्या, दूसरी सुमित्रा और तीसरी कैकेयी
क्या आप जानते हैं कि कौशल्या ने एक पुत्री को भी दिया था जन्म
भगवान राम के गुणों की जितनी व्याख्या की जाए कम है। रामायण में उनके सभी संघर्षों का उल्लेख किया गया है। साथ ही कैसे 14 वर्ष का वनवास मिलने के बाद उनके जीवन में बदलाव आया, इन सभी घटनाओं को दर्शाया गया है। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में सभी घटनाओं का भलिभांति जिक्र किया गया है। लेकिन अन्य वेद और ग्रंथों में कई ऐसी घटनाओं का जिक्र है जिसका वर्णन बहुत कम जगह देखने को मिलता है।
कथा के अनुसार, राजा दशरथ की तीन रानियां थीं, पहली कौशल्या, दूसरी सुमित्रा और तीसरी कैकेयी। रानी कौशल्या के पुत्र राम थे, सुमित्रा के लक्ष्मण और शत्रुघ्न और कैकेयी के भरत थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौशल्या ने एक पुत्री को भी जन्म दिया था, जो इन सब भाइयों में सबसे बड़ी थी। कथा के अनुसार वह कला तथा शिल्प में पारंगत थीं और अत्यधिक सुंदर कन्या थीं। उनका नाम शांता रखा गया। इनके नाम को लेकर कई कथाएं प्रचलित है।
पहली कहानी
कहानी के अनुसार राजा दशरथ और रानी कौशल्या की सबसे पहली संतान एक बेटी थी। जब एक बार रानी कौशल्या की बहन वर्षिणी उनसे मिलने आई, तो उन्होंने बेटी शांता को गोद में लिया था। इस दौरान वर्षिणी ने हास्य में कहा कि शांता बहुत प्यारी है क्या वो उसे गोद ले लें। इस वाक्य को सुनकर राजा दशरथ ने बाद में उन्हें अपनी बेटी गोद देने का वचन दे दिया। चूंकि रघुकुल की रीत थी कि 'प्राण जाए पर वचन ना जाए' तो राजा दशरथ ने अपनी बेटी को गोद दे दिया। बता दें वर्षिणी की कोई संतान नहीं थी।
दूसरी कहानी
शांता से जुड़ी कई कहानियों में से एक कहानी ये है कि राजा दशरथ के कोई पुत्र नहीं था। फिर श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया, तब जाकर उन्हें चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। फिर भगवान श्रीराम की बड़ी बहन का विवाह ऋषि श्रृंग से हुआ था। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि का मंदिर है जहां ऋषि श्रृंगी और राम की बहन शांता की पूजा की जाती है।
तीसरी कहानी
पौराणिक कथाओं में एक अन्य कथा भी सुनने को मिलती है जिसके अनुसार जब शांता पैदा हुई थी, तब अयोध्या में इतना भीषण अकाल पड़ा कि 12 साल तक धरती फल फूल नहीं सकी। इस बात को उठाते हुए किसी ने राजा दशरथ को कहा कि इस अकाल का कारण उनकी बेटी शांता है। उसे यहां से दूर भेज कर समस्या हल हो सकती है। इसलिए राजा दशरथ ने शांता को रानी कौशल्या की बहन को गोद दे दिया था।
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