रक्षाबंधन के दिन क्यों किया जाता है श्रवण कुमार का पूजन, जानिए इसका महत्व
रक्षाबंधन के पर्व है आज
दोपहर के बाद बंधी जाएगी राखी
रक्षाबंधन के दिन सोना पूजन की भी परंपरा
रक्षाबंधन के दिन कई जगहों पर श्रवण कुमार का पूजन किया जाता है, जिसे सोना पूजन के नाम से जाना जाता है। रक्षाबंधन के दिन दीवार पर श्रवण कुमार की आकृति बनाकर पूजा की जाती है ।
श्रवण कुमार की भारत के कई इलाकों में रक्षाबंधन के दिन सोना पूजन किया जाता है। कहते हैं इसके बिना राखी का त्योहार अधूरा माना जाता है। कई जगह सोना पूजने के बाद ही भाई को राखी बांधी जाती है। सोना पूजन उसी जगह पर किया जाता है जहां नाग पंचमी की पूजा की गई हो।
सोना पूजन 19 अगस्त को है। रक्षाबंधन के दिन सोना पूजन सुबह के समय किया जाता है। कई जगह सोना पूजने के बाद ही भाई को राखी बांधी जाती है।
सोना पूजन विधि
सोना पूजने के लिए हल्दी, रोली, अक्षत, जल से भरा लोटा, राखी या कलावा, गेरू और मीठे जवे की जरूरत होती है। इसके बाद दीवार पर सोना का चित्र बनाया जाता है। जिसकी विधि विधान पूजा की जाती है। साथ ही राखी भी चढ़ाई जाती है। इसके बाद ही भाई को राखी बांधी जाती है।
कहते हैं जब अयोध्या के राजा दशरथ ने गलती से श्रवण कुमार को तीर मार दिया था। तो इस घटना से राजा दशरथ को काफी दुख हुआ था। उन्होंने अपनी गलती की क्षमा मांगते हुए स्वयं ही इस घटना के बारे में श्रवण कुमार के माता–पिता को बताया। लेकिन बेटे की मौत का समाचार सुनकर दोनों ने प्राण त्याग दिये। तब राजा दशरथ ने प्रायश्चित करने के लिए श्रावण पूर्णिमा के दिन श्रवण पूजा का प्रचार किया। कहते हैं तभी से राखी के दिन श्रवण पूजा की परंपरा शुरू हो गई।
रक्षाबंधन पर आज राखी बांधने का पहला शुभ मुहूर्त दोपहर 01.46 बजे से शाम 04.19 बजे तक रहेगा। यानी राखी बांधने के लिए पूरे 2 घंटे 33 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा आप शाम के समय प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस दिन शाम 06.56 बजे से रात 09.07 बजे तक प्रदोष काल रहेगा।
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