जानिए कैसे लगता है राहु काल, इस दौरान शुभ कार्यों को करना माना जाता है वर्जित
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। माना जाता है कि यदि शुभ मुहूर्त में कोई कार्य न किया जाए तो उस कार्य में बाधाएं आ सकती हैं और सफलता नहीं मिल पाती है।
जानिए कैसे लगता है राहु काल
इस दौरान शुभ कार्यों को करना माना जाता है वर्जित
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। माना जाता है कि यदि शुभ मुहूर्त में कोई कार्य न किया जाए तो उस कार्य में बाधाएं आ सकती हैं और सफलता नहीं मिल पाती है।
ज्योतिष में ग्रह और नक्षत्रों की गणना के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है। वैसे तो बहुत सी बातों को ध्यान में रखते हुए अशुभ या शुभ समय के बारे में बताया जाता है लेकिन प्रतिदिन एक ऐसा समय भी होता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। यह समय होता है राहु काल। इसके बारे में तो ज्यादातर लोगों को पता होता है कि राहुकाल में कोई भी नया या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन क्या आपको पता है कि राहुकाल कैसे और कितने समय का होता है और क्यों नहीं किया जाता है राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य।
रोज कितने समय का होता है राहुकाल-
ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक दिन सूर्योदय के समय से लेकर सूर्यास्त तक आठवें भाग का स्वामी राहु ग्रह होता है, इस प्रकार से प्रतिदिन लगभग 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे का राहुकाल होता है। इसे राहुकाल या राहुकालम के नाम से जाना जाता है। इस दौरान को भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
क्यों अशुभ माना जाता है राहुकाल-
ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं। इनमें से राहु को पापक ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है। यह एक छाया ग्रह है। ज्योतिष के अनुसार, इसे किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है, फिर भी इस ग्रह की अशुभ स्थिति जातक के जीवन में उथल-पुथल मचा सकती है। वैसे राहु हमेशा अशुभ फल प्रदान नहीं करता है लेकिन इसकी अशुभता व्यक्ति के लिए बहुत ही नकारात्मक मानी जाती है। इसलिए राहुकाल में किसी भी शुभ या नए कार्य को करने के लिए मना किया जाता है।
कैसे की जाती है राहुकाल की गणना?
ज्योतिष के अनुसार, पूरे दिन में बारह घंटे होते हैं। इन आठ बराबर भागों में बांटकर उस दिन स्थानीय समय के सूर्योदय के अनुसार यदि मान निकाला जाए तो राहुकाल का समय जान सकते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय को निश्चित आठ भागो में बांटने पर लगभग हर एक भाग डेढ़ घंटे का होता है इस प्रकार से प्रत्येक दिन राहुकाल का समय ज्ञात किया जाता है। इस प्रकार से सप्ताह के हर दिन एक निश्चित समय पर राहुकाल होता है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*