हनुमान जी की पूजा-साधना करते समय इन बातों पर दें ध्यान, आएगी जीवन में सुख समृद्धि
हनुमान जी की पूजा-साधना
आएगी जीवन में सुख समृद्धि
धार्मिक ग्रंथों में मिलने वाली जानकारी के अनुसार, कलयुग के समय में देवताओ में हनुमान जी इस पृथ्वी उपस्थित माना जाता है।
मान्यता है कि कलयुग के इस समय में हनुमान जी साधना तुरंत फलदाई रहती है। इन्हें संकट मोचन कहा जाता है। हनुमान जी की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और भक्तों को हर प्रकार के भय से मुक्ति प्राप्त होती है। वैसे तो हनुमान जी की साधना सरल मानी गई है लेकिन इनकी साधना करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।
यदि इन नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। यदि इन नियमों का पालन करते हुए हनुमान जी की साधना की जाए तभी वह पूर्ण रूप से फलित होती है।
हनुमान जी की पूजा करते समय रखें इन नियमों का ध्यान-
हनुमान जी की पूजा प्रातः जल्दी उठकर करनी चाहिए या फिर संध्या के समय पूजन करें।
- इनकी पूजा में लाल रंग के फूल ही अर्पित करना चाहिए।
- हनुमान जी के समक्ष जो दीप जलाया जाता है उसमें लाल सूत की बाती डालनी चाहिए।
- हनुमान साधना में शुद्धता एवं सात्विकता को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इसलिए हर चीज को बहुत ही ध्यान से शुद्धता का ध्यान रखते हुए अर्पित करें।
- हनुमान जी की पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर चीज को हाथ धोने के बाद ही छूना चाहिए और पूजन से पहले घर, पूजा स्थल और स्वयं की भली-भांति साफ-सफाई कर लेनी चाहिए।
- हनुमान जी की साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अति आवश्यक माना गया है।
- महिलाओं को स्वयं हनुमान जी को चोला अर्पित नहीं करना चाहिए। किसी पुरुष या पुजारी से यह कार्य करवाया जा सकता है।
- मंगलवार के दिन भूलकर भी मांस, मदिरा या किसी भी तरह तामसिक गुणों वाली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- हनुमान जी की पूजा करते समय उनको चरणामृत से स्नान नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि उनकी पूजा में चरणामृत चढ़ाने का विधान नहीं है।
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