जैसा काम व लक्ष्य वैसी होनी चाहिए आपकी माला, ये हैं विकल्प
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कहते हैं हिन्दू धर्म में साधना एक सतत प्रक्रिया का नाम है, जिसमें सफलता के लिए आवश्यक साधनों में उचित माला भी एक साधन है। साधनाओं के लिए विभिन्न प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए तरह तरह की सलाह भी देते हैं।
आमतौर पर देखा जाय तो यह मालाएं..रूद्राक्ष स्फटिक, हल्दी, कमलगट्टा, पुत्र जीवा, तुलसी, सफेद व लाल चन्दन, वैजन्ती तथा नवरत्न की बनी होती हैं। इसका उपयोग किसी खास जरूरत या किसी खास तरह की पूजा पाठ के लिए किया जाता है।
रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) रुद्राक्ष माला सामान्यत पांच मुखी रुद्राक्ष से बनी माला होती है। यह माला शिव (Lord Shiva) पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। तुलसी, चन्दन, स्वर्ण, मुक्ता, प्रवाल आदि की माला से करोड़ों गुना अधिक फल रूद्राक्ष माला पर जाप करने से प्राप्त होता है। हृदय रोग, ब्लड प्रेशर (रक्त चाप) आदि से यह रक्षा करती है, अकाल मृत्यु योग को टालने की अभूतपूर्व शक्ति इसमें है।
तुलसी माला Tulsi Mala – विष्णु प्रिय तुलसी की माला विष्णु अवतार राम व कृष्ण जी की उपासना हेतु सर्वाेत्तम है। शरीर व आत्मा की शुद्धि के लिये यह माला धारण करना उत्तम है।
मूँगा माला (मूगे की माला) Red Coral Mala – जो व्यक्ति व्यापारी है जिनका भूमि, जमीन से जुड़ा व्यापार है, मंगल ग्रह की शान्ति की लिये इसे धारण करना उपयुक्त है व हनुमान जी की साधना के लिये यह सर्वोत्तम है।
स्फटिक व रूद्राक्ष मिश्रित माला Saphtik and Rudraksha Mixed Mala – रूद्राक्ष व स्फटिक माला शिव शक्ति का प्रतीक हैं। यह कई प्रकार के रोगों को ठीक करता है। रूद्राक्ष लो ब्लड़ प्रेशर (निम्न रक्त चाप) को व स्फटिक हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्त चाप) को नियन्त्रित करता है अर्थात् दोनों में समन्वय बनाए रखता है। इस माला पर शिव व शक्ति दोनों का जाप किया जा सकता है।
स्फटिक माला Saphtik Mala – यह माला शक्ति की प्रतीक लक्ष्मी-सरस्वती व दुर्गा जाप के लिये उत्तम है। गायत्री मंत्र के लिये भी यह सर्वोत्तम है। संक्षेप में देवी जाप के लिये स्फटिक माला के उपयोग से मंत्र शीघ्र सिद्ध होता है। यह आर्थिक स्थिति में सुधार लाती है। उच्च रक्त चाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिये यह माला अचूक है।
रूद्राक्ष व सोने के दानों की माला Rudraksha and Gold Mixed Mala – रूद्राक्ष के साथ सोने के दाने रूदाक्ष की शक्ति में कई गुना वृद्धि करते हैं। सोना सबसे शुद्ध धातु है। धारक को रूद्राक्ष के गुणों के साथ-साथ शान्ति व समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवरत्न माला Navgareh Ratan Mala Navaratan Mala – यह नवग्रह की शान्ति के लिये धारण की जाती है, इससे मानसिक शान्ति की प्राप्ति होती है।
मोती माला Moti Mala Pearl Mala- मोती की माला भाग्य-वृद्धि करती है। पुत्र प्राप्ति के लिये यह उत्तम है।
सफेद चन्दन White Sandalwood Mala – इस माला का प्रयोग शान्तिपुष्टि कर्मों में व श्री राम, विष्णु व अन्य देवताओं की उपासना में होता है। इसके धारण करने से शरीर में ताजगी स्फूर्ति का संचार होता है।
लाल चन्दन Red Sandalwood Mala – भगवान सूर्य, हनुमान जी और देवी दुर्गा जी के जाप के लिये यह सर्वोत्तम माला मानी गयी है। मंगल शान्ति के लिये लाल चन्दन की माला धारण करना लाभकारक है।
पुत्र जीवा की माला Putra Jeeva Mala – यह दुर्लभ माला है। संतानहीन सज्जन इसका प्रयोग संतान प्राप्ति के लिए की जाने वाली साधनाओं में करते है।
हल्दी की माला Haldi Mala Turmeric Mala – कच्ची हल्दी की गाँठो से यह माला तैयार की जाती है। बृहस्पति के व बगलामुखी के जाप केवल इसी माला पर कारगर हैं।
वैजयन्ती माला Vaijainti Mala – वैजन्ती के बीजों से तैयार की जाने माला को वैजयंती माला कहते है। वैष्णव भक्तों व लक्ष्मी जाप में प्रयोग की जाती है।
कमल गट्टे की माला Kamal Gutta Mala – यह कमल के फूल के बीजों से तैयार की जाती है। लक्ष्मी प्राप्ति व लक्ष्मी जाप के लिये सर्वोत्तम है। दीपावली पूजा में माँ लक्ष्मी के मन्त्र जप के लिए सिद्ध व् शुद्ध कमलगट्टा माला का ही प्रयोग किया जाता है।
पारद माला Parad Mala – पारद को ठोस करके मुनके तैयार करके माला बनाई जाती है। यह माला शुद्ध व सिद्ध करके पहनने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और गठिया, जोड़ों के दर्द जैसे पीड़ादायक रोगो से छुटकारा मिलता है।
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