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जुलाई माह में पड़ने वाले सभी व्रत व त्यौहारों की देखें लिस्ट…..!

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show उत्तर भारत में जुलाई में गर्मी, उमस और बरसात इन तीनों चीजों का अनुभव मिलता है। इस बार व्रत-त्योहारों के लिए जुलाई माह बेहद खास है। दअसल इस साल जुलाई महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। जुलाई की शुरूआत जहां कालाष्टमी व्रत से हो रही है तो वहीं इस माह का अंत
 
जुलाई माह में पड़ने वाले सभी व्रत व त्यौहारों की देखें लिस्ट…..!

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उत्तर भारत में जुलाई में गर्मी, उमस और बरसात इन तीनों चीजों का अनुभव मिलता है। इस बार व्रत-त्योहारों के लिए जुलाई माह बेहद खास है। दअसल इस साल जुलाई महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। जुलाई की शुरूआत जहां कालाष्टमी व्रत से हो रही है तो वहीं इस माह का अंत भी कालाष्टमी व्रत से होगा।

आप को बता दें कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर्व, भगवान जगन्नाथ रथयात्रा, गुरु पूर्णिमा भी जुलाई माह में निकलेगी। इस महीने हिन्दू पंचांग के आषाढ़ महीने का समापन होगा तो सावन माह की शुरूआत भी होगी। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास भी जुलाई से लग जाएंगे। इस्लाम मजहब का प्रमुख त्योहार बकरीद भी जुलाई माह में मनाई जाएगी। इसके अलावा गुरू पूर्णिमा व्रत भी जुलाई माह में पड़ रहा है। इन सबके अलावा भी जुलाई में महत्वपूर्ण व्रत त्योहार आएंगे। देखें पूरी लिस्ट…..!

कालाष्टमी

आषाढ़ माह का कालाष्टमी व्रत 1 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन भैरव बाबा के लिए कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।

योगिनी एकादशी

योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

प्रदोष व्रत

आषाढ़ महीने में कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत 7 जुलाई, बुधवार को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

मासिक शिवरात्रि

आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई को पड़ेगी। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।

आषाढ़ अमावस्या

आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई को पड़ेगी। इसे आषाढ़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। अमावस्या तिथि का खास महत्व होता है। इस दिन को पितरों की याद में पूजा, जप-तप और दान दिया जाता है। अमावस्या जब मंगलवार और शनिवार को पड़े तो उसका महत्व और बढ़ जाता है।

गुप्त नवरात्रि

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई 2021 से प्रारंभ हो रही है जिसका समापन 18 जुलाई 2021 को होगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है। इस पर्व में मां शक्ति की आराधना विधि-विधान से की जाती है।

जगन्नाथ रथ यात्रा

जगन्नाथ रथ यात्रा 12 जुलाई को निकलेगी। विश्व प्रसिद्ध उड़ीसा के पुरी का भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आषाढ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से निकाली जाती है। धार्मिक दृष्टि से इस पर्व का बड़ा महत्व है।

विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी 13 जुलाई को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 

स्कंद षष्ठी 

आषाढ़ माह का स्कंद षष्ठी व्रत 15 जुलाई को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए रखा जाता है। स्कंद षष्ठी व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में लोकप्रिय है। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं।

कर्क संक्रांति 

कर्क संक्रांति 16 जुलाई को है। इस दिन भगवान सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के गोचर को संकांति कहा जाता है और जिस भी राशि में सूर्य देव प्रवेश करते हैं उस राशि के नाम से वह संक्रांति जानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन का विशेष महत्व होता है।

ईद-उल-अजहा

इस साल बकरीद 20 या 21 जुलाई 2021 को मनाई जा सकती है। हालांकि ईद की वास्तविक तारीख चांद के दीदार पर ही तय होगी। बकरीद को ईद-उल-अजहा, ईद-उल-जुहा, बकरा ईद, के नाम से जाना जाता है। बकरीद इस्लाम मजहब का प्रमुख त्योहार है।

देवशयनी एकादशी 

20 जुलाई को देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं। इस दौरान चार महीनों तक समस्त प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। 

प्रदोष व्रत

21 जुलाई को शुक्ल प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रति माह में दो बार त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी में और दूसरा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी में। 

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा पर्व प्रति वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान और गरीबों में दान-पुण्य करने का महत्व है।

सावन माह प्रारंभ

सावन का महीना 25 जुलाई 2021 से प्रारंभ हो रहा है, जो 22 अगस्त 2021 को समाप्त होगा। हिन्दू पंचांग का यह पांचवां महीना होता है। यह भगवान शिव का प्रिय माह है। श्रावण में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन महीने का विशेष महत्व है। 

संकष्टी चतुर्थी 

27 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी से आशय संकट को रहने वाली चतुर्थी तिथि से है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा-आराधना करने से समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

कालाष्टमी

सावन माह में कालाष्टमी व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन भैरव बाबा के लिए कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।

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